Chandra Grahan ka Samay: कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण? इस समय भूलकर भी न करें ये गलतियां
Chandra Grahan ka Samay: संपूर्ण भारत में 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसको हिंदू धर्म में बेहद अशुभ घटना माना जाता है। विज्ञान की मानें तो चंद्रमा एक उपग्रह है, जो धरती की परिक्रमा करता है। इसी दौरान जब एक समय पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक पूरी तरह से नहीं पहुंच पाती है। इसके कारण धरती पर अंधेरा छा जाता है।
इसी खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। विज्ञान के अनुसार पूर्णिमा के दिन यह खगोलीय घटना होती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने में शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पर यह पूर्णिमा पड़ती है। आइए जानते हैं भारत में चंद्र ग्रहण कब लगेगा और सूतक टाइम क्या है?
सूतक टाइम (Chandra Grahan Sutak Time)
- सूतक काल की शुरुआत- 07 सितंबर को दोपहर 12:35 से
- सूतक काल का समापन- 08 सितंबर को देर रात 01:26 बजे तक
भारत में इस समय लगेगा चंद्र ग्रहण ? (Chandra Grahan In India)
इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पंचांग के अनुसार 7-8 सितंबर 2025 को लगने वाला है। इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात को 9 बजकर 57 मिनट पर होगी और इसकी समाप्ति साढ़े तीन घंटे तक रहेगी। यानी पूर्ण ग्रहण अवधि- 11:01 PM से 12:23 AM (1 घंटा 22 मिनट) तक रहेगी। चंद्रग्रहण का चरम लगभग मध्यरात के समय तक रहने वाला है और यह ग्रहण पूर्वाह्न 01:26 बजे जाकर समाप्त होगा। बता दें कि यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण कहां-कहां लगेगा (Chandra Grahan Kahan-Kahan Lagega)
भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका में भी पूर्ण रूप से देखा जा सकता है, जबकि अमेरिका में केवल लाइव स्ट्रीम के माध्यम से देखा जा सकेगा।
सूतक काल (Sutak Kaal)
पंचांग के अनुसार ग्रहण से पहले 9 घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाता है। इस बार के चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक दोपहर 1:57 बजे से लगेगा। बता दें कि हिंदू धर्म में सूतक काल बहुत ही खास समय होता है। इस दौरान हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।
सूतक काल के लगने के बाद शुभ कार्य, पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यक्रम वर्जित माने जाते हैं। बता दें कि जिस समय सूतक काल लगता है उस समय मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। देवी-देवताओं की मूर्तियों को कपड़े से ढक दिया जाता है और उन्हें स्पर्श नहीं किया जाता। सूतक काल के दौरान भोजन, पकाने और खाने-पीने से भी परहेज़ किया जाता है। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इस समय नकारात्मक ऊर्जा अपनी चरम सीमा पर होती है। ग्रहण समाप्ति के बाद घर और मंदिर की शुद्धि-सफाई आवश्यक है। सूतक काल लगने के दौरान दान-पुण्य और मंत्र जाप करना शुभ फलदायी माना जाता है।
चंद्र ग्रहण के समय क्या न करें? (Chandra grahan ke samay kya na kare)
- चंद्र ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर देने चाहिए।
- पूजा-पाठ, भोजन बनाना, या खाना खाना मना होता है।
- गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
- नुकीली चीजों का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य न करें।
चंद्र ग्रहण के समय क्या करें? (Chandra grahan ke samay kya kare)
- चंद्र ग्रहण के समय भगवान विष्णु और चंद्र देव का नाम जपना, मंत्र जाप करना और ध्यान लगाना शुभ माना जाता है।
- माना जाता है कि इस दौरान मंत्रों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।
- चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके, घर के मंदिर में पूजा-अर्चना करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
- चंद्र ग्रहण के बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन का दान करना चाहिए।
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