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पंजाब की सियासत में बदलाव : परिवार समेत शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुआ टोहरा परिवार

शिरोमणि अकाली दल में बीती कल पूर्व सांसद जगमीत बराड़ की घर वापिसी के बाद आज अकाली -पंथ के जत्थेदार स्व. गुरचरण सिंह टोहरा के

07:19 PM Apr 21, 2019 IST | Desk Team

शिरोमणि अकाली दल में बीती कल पूर्व सांसद जगमीत बराड़ की घर वापिसी के बाद आज अकाली -पंथ के जत्थेदार स्व. गुरचरण सिंह टोहरा के

लुधियाना-पटियाला : शिरोमणि अकाली दल में बीती कल पूर्व सांसद जगमीत बराड़ की घर वापिसी के बाद आज अकाली -पंथ के जत्थेदार स्व. गुरचरण सिंह टोहरा के पारिवारिक सदस्यों ने बादल परिवार का पल्लू थामते हुए अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी। गुरचरण सिंह टोहरा की बेटी कुलदीप कौर टोहरा और उनके पति हरमेल सिंह टोहरा और उनका समूह परिवार शिरोमणि अकाली दल (बादल) में शामिल हो गया। उनको शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल और गुरविंद्र सिंह बावा सदस्य शिरोमणि कमेटी की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई गई।

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इस अवसर पर सुखबीर सिंह बादल द्वारा हरमेल सिंह टोहरा को पार्टी में वरिष्ठ उपप्रधान की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। स्मरण रहे कि 2 साल पहले 2017 में हुई पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले टोहरा परिवार शिअद को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गया था। विधानसभा हलका सनोर से आप की टिकट पर चुनाव भी लड़ा था किंतु वह हार गए थे।

टोहरा परिवार के अकाली दल में शामिल होने पर सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आज उन्हें बहुत खुशी है टोहरा परिवार के समस्त सदस्य शिरोमणि अकाली दल में वापिस आएं है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और गुरचरण सिंह टोहरा की जोड़ी की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों ने देश की सियासत में बेमिसाल उपलब्धियां हासिल की थी और अब दोनों परिवार पुन: इकटठे हुए है।

तीसरे चरण के तहत मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार थमा

स्मरण रहे कि जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा परिवार का पंजाब में बड़ा जनआधार है। किसी वक्त जत्थेदार टोहरा ने शिअद से अलग होकर अपना अकाली दल बनाकर चुनाव लड़ा था और उस वक्त अकाली दल को सत्ता से विमुख होना पड़ा। लगातार 28 साल शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान रहे जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा का परिवार भी उनके कदमताल पर चलते हुए समाज सेवा और धार्मिक कार्यो में निरंतर उपलब्धियां हासिल कर रहा है।

जत्थेदार टोहरा कैप्टन अमरेंद्र सिंह को भी 1977 में 90 हजार 317 वोटों से हरा चुके है और इसके बाद उनके इकलौते दामाद हरमेल सिंह टोहरा को विधानसभा चुनाव में उतारा गया था। पंजाब की सत्ता में वह केबिनेट मंत्री भी बने थे। जत्थेदार टोहरा का परिवार पिछली विधानसभा चुनावों से पहले श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के मुददे को लेकर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे और अब आम आदमी पार्टी से टोहरा परिवार का मोह भंग हो चुका है और इसके लिए परिवार ने पुन: शिअद में आने का फैसला लिया है।

पिछले 2 महीनों के दौरान हरमेल सिंह टोहरा और उसके पौत्रा हरिंद्र पाल सिंह टोहरा की सुखबीर सिंह बादल के साथ लंबी बैठके हुई थी और आज पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा, चरणजीत सिंह रखड़ा और अन्य नेताओं की जददोजहद के बाद उनकी घर वापिसी हुई है।

– सुनीलराय कामरेड

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