उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जारी, 4 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरक्षा उपायों की पुष्टि करते हुए भक्तों का स्वागत किया। यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर भक्तों का उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को स्वीकार किया और उनका स्वागत किया। इस दौरान CM धामी ने कहा कि सरकार द्वारा सुनिश्चित किए गए सुरक्षा उपायों पर जनता को आश्वस्त किया। पिछले 9 दिनों में 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए देवभूमि उत्तराखंड आते हैं। हमारी सरकार यात्रा को सुचारू, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।
देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण चारधाम यात्रा हेतु पधारते हैं, हमारी सरकार द्वारा यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने हेतु निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। यह बेहतर हो रही व्यवस्थाओं का ही परिणाम है कि मात्र 9 दिनों में 4 लाख से अधिक… pic.twitter.com/eqhMH6np7k
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 10, 2025
बता दें कि चार धाम यात्रा 2025 आधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठानों के बीच गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के खुलने के साथ शुरू हुई। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खोले गए। इसी बीच एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले मंगलवार को केदारनाथ यात्रा में घोड़ों और खच्चरों के इस्तेमाल पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था। प्रशासन ने यहां कुछ घोड़ों और खच्चरों की मौत की सूचना को गंभीरता से लिया।
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सुरक्षित यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि पहले आठ घोड़ों और खच्चरों की मौत हुई थी, फिर छह की मौत हो गई। हम इसके पीछे के कारणों का पता लगाना चाहते थे। कल केंद्र से एक टीम भी मौतों के कारणों की जांच करने आएगी। सीएम धामी ने कहा कि केदारनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने श्रद्धालुओं को त्वरित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई हैं, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है। आपदा की दृष्टि से रुद्रप्रयाग जिला बेहद संवेदनशील है, इसलिए जिले में अलग से मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है।