Chhath Puja 2024: खरना व्रत राज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व
छठ के महापर्व का आज दूसरा दिन है। चान दिन तक चलने वाले छठ पर्व के दूसरे दिन खरना किया जाता है। खरना का अर्थ होता है शुद्धिकरण।
Chhath Puja 2024: छठ के महापर्व का आज दूसरा दिन है। चान दिन तक चलने वाले छठ पर्व के दूसरे दिन खरना किया जाता है। खरना का अर्थ होता है शुद्धिकरण। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और छठी मैय्या का प्रसाद तैयार करती है। खरना में गुड़ की खीर बनाने का रिवाज है। यह खीर मिट्टी के चूल्हे पर तैयार की जाती है। व्रती महिलाएं प्रसाद के रूप में सबसे पहले इस खीर को ही ग्रहण करती हैं। आज शाम को खरना पूजा की जाएगी, आइए जानते है आज ता शुभ मुहूर्त, विधि और पूजा के महत्व के बारे में।
खरना पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार खर का अर्थ पवित्रता होता है। इस दिन को नहाय-खाय के बाद मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन आत्मा की पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। खरना छठ पूजा के सबसे महत्वपूर्ण पूजा दिनों में से एक है.।यह दिन छठी मैया के आगमन का प्रतीक है जिसके बाद भक्त 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू करते हैं।
जानिए क्या है खरना पूजा
खरना पूजा नहाय-खाय के दूसरे दिन की जाती है, खरना शब्द का अर्थ शुद्धता और पवित्रता होता है। दरअसल, संपूर्ण छठ पूजा पवित्रता और पवित्रता के नियमों का पालन करने का व्रत है। खरन का अर्थ अखंड होना भी है, जो दर्शाता है कि पूरे छठ पर्व के दौरान पवित्रता और पवित्रता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
खरना के नियम
छठ महाव्रत के दौरान साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। इसलिए प्रसाद को पवित्रता और शुद्धता के साथ ही तैयार करें। मिट्टी के चूल्हे पर पीतल के बर्तन में गुड़ की खीर तैयार की जाती है। इस दिन व्रत करने वाले लोग बिस्तर पर नहीं सोएं। जमीन पर चटाई बिछाकर सोए। इसके अलावा सूर्य को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन न करें।
खरना 2024 का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:59 बजे से 05:52 बजे तक
सूर्योदय- सुबह 06:45 बजे पर
सूर्यास्त- शाम 09:26 बजे पर
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