महापर्व छठ का तीसरा और सबसे अहम दिन आज, जानें आपके शहर में क्या है संध्या अर्घ्य का समय और इसका महत्व
Chhath Puja 2025 Day 3: महापर्व छठ की धूम सिर्फ बिहार या उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देशभर में देखने को मिल रही है। आज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि है, यह 4 दिन चलने वाले छठ पर्व का सबसे खास दिन होता है। आज आस्थावान लोग पूरे दिन भर निर्जला व्रत रखकर शाम के समय सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं और छठी मैया की उपासना करते हैं। संध्या अर्घ्य देते हुए व्रती अपने परिवार और संतान के लिए मंगलकामना करते हैं। आइये जानते हैं आपके शहर में क्या है संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व।
Chhath Puja Sandhya Arghya Time: संध्या अर्घ्य शुभ मुहूर्त

छठ पूजा का तीसरा दिन सबसे अहम होता है, इस दिन व्रती सूर्य देवता को संध्या अर्घ्य देते हैं। आज यानि 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य का समय शाम 5 बजकर 10 मिनट से लेकर शाम को 5 बजकर 58 मिनट तक रहने वाला है।
Chhath Puja 2025 Day 3: आपके शहर में क्या है सूर्यास्त का समय?

| शहर | सूर्यास्त का समय | 
|---|---|
| दिल्ली | 05:40 बजे | 
| मुंबई | 06:08 बजे | 
| कोलकाता | 05:02 बजे | 
| चेन्नई | 05:44 बजे | 
| देहरादून | 05:35 बजे | 
| चंडीगढ़ | 05:39 बजे | 
| जयपुर | 05:48 बजे | 
| पटना | 05:12 बजे | 
| जम्मू | 05:44 बजे | 
| गांधीनगर | 06:04 बजे | 
| अहमदाबाद | 06:05 बजे | 
| शिमला | 05:37 बजे | 
| भोपाल | 05:45 बजे | 
| लखनऊ | 05:27 बजे | 
| कानपुर | 05:30 बजे | 
| गोरखपुर | 05:45 बजे | 
| प्रयागराज | 05:25 बजे | 
| नोएडा | 05:40 बजे | 
| गुरुग्राम | 05:41 बजे | 
| हरिद्वार | 05:35 बजे | 
| इंदौर | 05:52 बजे | 
| भुवनेश्वर | 05:15 बजे | 
| रायपुर | 05:30 बजे | 
| रांची | 05:13 बजे | 
Chhath Puja Surya Mantra: अर्घ्य देते समय करें इन सूर्य मंत्रों का जाप

छठ पूजा के दौरान सूर्य को अर्घ्य देते कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। इस मंत्रों से न सिर्फ आपके भीतर नई ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि आपको सौभाग्य, सफलता और स्वास्थ्य की भी प्राप्ति होती है।
1. सूर्य बीज मंत्र
ॐ ह्रीं सूर्याय नमः
2. सूर्य सिद्धि मंत्र
ॐ सूर्याय सुर्याय नमः
3. सूर्य प्रार्थना मंत्र
ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।
विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि॥
4. आदित्य हृदयम मंत्र
नमस्कारं च देवेशं लोकनाथं जगतां पतिं।
सूर्यमस्तकं बध्यं ब्राह्मणं बद्धमाश्रयेत॥
5. सूर्य मंत्र
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
Chhath Puja Day 3 Importance: छठ पूजा के तीसरे दिन का महत्व

छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ का तीसरा दिन सबसे खास होता है, इस दिन सूर्य देव को संध्या के समय अर्घ्य दिया जाता है। छठ की इस पूजा को लेकर मान्यता है कि शाम के समय जब व्रती संध्या अर्घ्य देते हैं, उस वक्त सूर्य देव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। ऐसे में व्रत करने वाले लोग अपने परिवार और संतान की मंगलकामना करते हुए अर्घ्य देते हैं।
स्कंद पुराण में कहा गया है कि सूर्य को अर्घ्य दिए बिना भोजन करना भी पाप खाने के समान है और सूर्योपासना किए बिना कोई भी मानव किसी भी शुभकर्म का अधिकारी नहीं बन सकता। इसलिए छठ पर्व के तीसरे दिन व्रती पूरे दिन भर निर्जला व्रत रखकर शाम को सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं।
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