Chhath Puja 2025 Vrat Ke Niyam: छठ पूजा में ध्यान रखें ये 8 जरुरी नियम, वरना नाराज हो सकती हैं छठी मैया
Chhath Puja 2025 Vrat Ke Niyam: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर को नहाय खाय से हो रही है। यह महापर्व 4 दिनों तक चलता है और हर दिन का अपना एक अलग धार्मिक महत्व है। इस दौरान छठी मैया और सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। छठ नहाय खाय से शुरू होता है और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है। इस व्रत के दौरान कुछ बातों और नियमों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है।
जानें-अनजाने में कोई गलती हो जाती है, तो व्रत और पूजा अधूरी रह सकती है। ऐसे में व्रती महिलाओं को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि व्रत के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
Chhath Puja Kab Hai: जानें छठ पूजा कब है
छठ पूजा 4 दिनों तक चलने वाला पर्व है। यह पर्व खासकर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। आइए जानते हैं कब है छठ पूजा-
- पहला दिन: नहाय-खाय (25 अक्टूबर)
 - दूसरा दिन: खरना पूजन (26 अक्टूबर)
 - तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर)
 - चौथा दिन: उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर)
 
Chhath Vrat ke Niyam: छठ व्रत के जरूरी नियम
छठ पूजा में क्या करें?
- छठ पर्व में पवित्रता का खास ध्यान रखना (Chhath Puja Fasting Rules) जरुरी है। पूजा के लिए गेहूं को अच्छे से धोकर सुखाना चाहिए, ध्यान रहें कि इसे पशु-पक्षियों से बचाकर रखें। इसी तरह पूजा के फलों को भी धोकर साफ स्थान पर रखें।
 - व्रत महिला को छठ पूजा के चारों दिन स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहनने चाहिए और नारंगी रंग का सिंदूर लगाना चाहिए। छठ पूजा में नारंगी सिंदूर की खास मान्यता है।
 - छठ पूजा के लिए हर साल नई टोकरी खरीदें। पूजा में पुरानी और फटी हुई टोकरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आपके पास पीतल का सूप है तो उसे गंगाजल से शुद्ध करके दोबारा प्रयोग कर सकते हैं।
 - छठ पूजा में परिवार के सदस्यों को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि व्रती महिला या पुरुष के भोजन करने के बाद ही उन्हें खाना ग्रहण करना चाहिए।
 
छठ पूजा में क्या न करें?
- छठ पूजा में पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है। ऐसे में व्रत में दौरान घर, मंदिर और रसोई को बिल्कुल साफ रखें। साथ ही प्रसाद बनाते समय भी सफाई का ध्यान रखें।
 - व्रती महिलाओं को नहाय-खाय के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन जैसे-लहसुन और प्याज न खाएं। सिर्फ व्रती महिला ही नहीं बल्कि परिवार के और सदस्यों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए।
 - खरना के दिन से व्रत शुरू हो जाता है। इस व्रत में निर्जल रहने का विधान है, व्रती महिलाओं को 36 घंटे तक पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर व्रत के दौरान (Chhath Puja Fasting Rules) पानी पी लिया जाएं, तो इससे व्रत और पूजा अधूरी रह सकती है।
 - छठ व्रत का पालन करने से पहले अपनी सेहत का ख्याल जरूर रखें। अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख सकते हैं, तो छठ व्रत न रखें। क्योंकि, शास्त्रों में भी इस व्रत को निर्जला रखना महत्वपूर्ण माना गया है।
 
यह भी पढ़ें: कब है छठ पूजा? जानिए नहाय खाय से लेकर परना तक का सही समय