W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

सूर्य पूजा सिर्फ धार्मिक नहीं, सेहत से भी जुड़ी है! जानें छठ पर्व का वैज्ञानिक महत्व

02:16 PM Oct 27, 2025 IST | Bhawana Rawat
सूर्य पूजा सिर्फ धार्मिक नहीं  सेहत से भी जुड़ी है  जानें छठ पर्व का वैज्ञानिक महत्व
Advertisement

Chhath Puja Scientific Benefits: लोक आस्था का महापर्व छठ, जिसमें सूर्य सेव और छठी मैया की उपासना की जाती है। मान्यता है कि यह व्रत वैदिक काल से ही चला आ रहा है। छठ केवल एक धार्मिक पूजा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा पर्व है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य मानव जीवन के लिए जीवन चक्र का करक और ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है।

छठ में जहां उपवास, सूर्य अर्घ्य, स्नान, स्वच्छता का अनुशासन एक तरह का प्राकृतिक डिटॉक्स थेरेपी बन जाता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि हमारा प्रकृति से जुड़ना ही असली चिकित्सा है। तो आइए जानते हैं कि छठ पर्व के पीछे क्या वैज्ञानिक कारण है।

Chhath Puja 2025: जानें छठ पूजा का वैज्ञानिक महत्व

Chhath Puja Scientific Benefits
जानें छठ पूजा का वैज्ञानिक महत्व (Image- Ai Generated)

1. व्रत और उपवास

छठ पूजा में उपवास रखा जाता है, जो शरीर और मन को शुद्धि करने की प्रक्रिया है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण ये है कि उपवास रखने से हमारे शरीर में ऑटोफैगी प्रक्रिया सक्रीय होती है, जिसमें पुराने और क्षतिग्रस्त सेल्स को हटाकर नए सेल्स का निर्माण होता है। इसके साथ व्यक्ति को नई ऊर्जा मिलती है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। उपवास रखने से शरीर डिटॉक्स होता है, पाचन तंत्र को आराम मिलता है और मेटाबॉलिज्म सुधरता है।

2. सूर्य उपासना

छठ में किए जाने वाला सूर्य अर्घ्य के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपा हुआ है। सूर्य जीवन का सबसे बड़ा स्रोत है, इसकी किरणों से विटामिन D प्राप्त होता है। विटामिन D हड्डियों, स्किन और इम्यून सिस्टम के लिए भी जरुरी है।

3. जल में खड़े होना

छठ पर्व में व्रती नदी या किसी तालाब में खड़े रहते हैं। जल में खड़े रहने से शरीर का जैव-विद्युत क्षेत्र स्थिर रहता है, जिससे मानसिक एकाग्रता बढ़ती है और नसों पर तनाव कम होता है। नदी के जल में मौजूद तत्व स्किन और बॉडी के लिए फायदेमंद होते हैं।

4. स्वच्छता

छठ पर्व में साफ़-सफाई का बहुत महत्व है। इस दौरान व्रती अपने घर और आस-पास की जगहों की सफाई करती है। यह केवल धार्मिक नियम नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी बहुत जरुरी है। छठ से पहले की सफाई हवा में धूल और बैक्टीरिया को कम करती है, जिससे बदलते मौसम में बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

5. प्रसाद का औषधीय महत्व

केवल छठ पूजा ही नहीं बल्कि इसका प्रसाद भी औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

1. ठेकुआ- गेहूं और घी से बना ये स्नैक बॉडी को एनर्जी देता है।
2. गन्ना- गन्ना लिवर को डिटॉक्सीफाई करता है।
3. गुड़- यह बॉडी को आयरन देता है और खून को साफ करने में मदद करता है।
4. नींबू- यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

Chhathi Maiya Story: छठी मैया कौन है?

Chhath Puja Scientific Benefits
छठी मैया कौन है? (Image- Ai Generated)

मार्कण्डेय पुराण में बताया गया है कि जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तो उन्होंने प्रकृति का भी निर्माण किया। इसके बाद देवी प्रकृति ने खुद को छह भागों में बांटा था। प्रकृति देवी का जो छठा भाग था वह सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। मां के छठे स्वरूप को सर्वश्रेष्ठ मातृदेवी के रूप में जानते हैं। जोकि ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं। मार्कण्डेय पुराण में बताया गया है कि इनके छठे अंश को छठी मैय्या के नाम से जाना गया है। जब किसी बच्चे का जन्म होता है, तो उसके छठे दिन भी देवी के इसी स्वरुप की पूजा की जाती है, जिससे बच्चे को अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़ें: महापर्व छठ का तीसरा और सबसे अहम दिन आज, जानें आपके शहर में क्या है संध्या अर्घ्य का समय और इसका महत्व

Advertisement
Author Image

Bhawana Rawat

View all posts

Advertisement
Advertisement
×