Chhath Puja Tragedy: छठ पूजा की खुशियां मातम में हुई तब्दील, बिहार में डूबने से 102 की गई जान, अब तक कई लापता
Chhath Puja Tragedy: छठ पूजा एक ऐसा महापर्व है, जिसे लोग बहुत ही धूम-धाम से मानते हैं। यह पर्व बिहार के लोगों के लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि उनकी आस्था का प्रतीक है। इस पूजा के दौरान लोग घाटों पर जाकर सूर्य देवता की पूजा करते हैं, लेकिन बिहार में छठ पूजा के दौरान एक ऐसा हादसा हो गया, जिसकी वजह से लोगों की खुशियां मातम में बदल गई। पिछले 2 दिनों में छठ पूजा के दौरान घाटों पर काफी भयानक भीड़ थी। जिसमें अभी तक लगभग 102 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग लापता भी बताए जा रहे हैं।
Bihar Drowning Incident: बिहार में छठ के दौरान लोगों ने गवाई जान
छठ पूजा एक ऐसा महापर्व है, जिसके दौरान हर घाट पर श्रद्धालुओं की भयानक भीड़ देखने को मिलती है। इस त्योहार को मानाने के लिए लोग देश-विदेश से अपने घरों को आते हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर इस पर्व को धूम-धाम से मानते हैं। लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिसे सुनकर लोगों की ख़ुशी मातम में बदल जाती है। अब तक 102 लोगों के मरने की खबर सामने आई है, जिसे सुनकर लोग सदमे में हैं।
अब तक राज्य के इस जिलों में सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। जिनमें से पटना, नालंदा, भागलपुर, खगड़िया, मधुबनी, सीतामढ़ी, जमुई, कैमूर, रोहतास, वैशाली और मुजफ्फरपुर जैसे जिले शामिल हैं। जिला प्रशासन ने इन सभी घटनाओं की पुष्टि करते हुए ये सुचना दी है।
Chhath Puja Bihar Tragedy News: बिहार की ख़ुशी मातम में बदली
इस पूरी घटना की जानकारी मिलते ही राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को सतर्क रहने का आदेश दिया और घाटों पर कड़ी सुरक्षा करने के निर्देश दिए। किसी भी पर्व के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान जाना और कई लोगों के लापता होने की खबर ने प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर इतनी बड़ी घटना कैसे हुई। अक्सर असुरक्षित घाट, पर्याप्त रोशनी की कमी के कारण और नावों पर तैनाती की कमी और लोगों की असावधानी की वजह से ही ऐसी बड़ी दुर्घटना होती है।
पटना से लेकर सीमांचल तक हर जिले में प्रशासनिक अमला अब हादसों की समीक्षा में जुटा है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि इस महापर्व के दौरान घाटों पर कुछ नाव और अस्थायी बैरिकेड पर्याप्त नहीं होते हैं। राज्य सरकार को प्रशासन को कड़ी सुरक्षा के साथ तैनात करना चाहिए, ताकि ऐसे दर्दनाक हादसे बिल्कुल न होने पाएं।
छठ के घाटों पर अब भी लोगों के दिमाग से वो दर्दनाक दृश्य नहीं हट रहा है, जिसमें उन्होंने अपने परिजनों को खो दिया है। इस घटना के होने के बाद परिजन बुरी तरह रोते-बिलखते दिखे। घाटों पर शवों की तलाश में तैरते गोताखोर और घाटों पर पसरा सन्नाटे ने लोगों के बीच मातम का माहौल बना दिया है। इस घटना के बाद कुछ घरों के चिराग तो हमेशा के लिए बुझ गए हैं।