Chhattisgarh: सुकमा में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता, चार नक्सलियों ने सरेंडर किया
20 लाख के इनामी नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इलाके में सक्रिय चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वालों में दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं, जिन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने कुल 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। यह ऑपरेशन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 131 बटालियन और नक्सल विरोधी टीम के संयुक्त प्रयासों से सफल हुआ। सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की टीमों ने इस ऑपरेशन को गोपनीय तरीके से अंजाम दिया। अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ चल रही मुहिम में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण नीति और सुरक्षा बलों के दबाव के चलते हाल के महीनों में कई नक्सली हथियार छोड़ चुके हैं।
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सुरक्षा बलों के मुताबिक, ये नक्सली लंबे समय से सुकमा और आसपास के क्षेत्रों में हिंसक गतिविधियों में शामिल थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे नक्सलवाद के रास्ते से तंग आ चुके थे। उन्होंने हिंसा और जंगल में कठिन जीवन से परेशान होकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। नक्सलियों ने यह भी कहा कि वे अब समाज का हिस्सा बनकर शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गत 1 अप्रैल को कहा था कि नक्सल समस्या अब देश के 12 जिलों से घटकर सिर्फ छह जिलों तक रह गई है। मोदी सरकार नक्सलवाद के प्रति निर्मम दृष्टिकोण और सर्वव्यापी विकास के लिए अथक प्रयासों के साथ एक सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत का निर्माण कर रही है। उन्होंने नक्सलवाद को लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन बताया था।
उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ‘नक्सलमुक्त भारत’ बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। नक्सलवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है और मोदी सरकार इसे समाप्त करने के लिए संकल्पित है। यह हमारा संकल्प है कि 31 मार्च 2026 के बाद देश में नक्सलवाद केवल इतिहास बनकर रह जाएगा।