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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- कोल खदानों के संचालन की विधिवत प्रक्रिया में लग रहा हैं समय

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि राजस्थान सरकार को आवंटित कोल खदानों के विधिवत प्रक्रिया पूरी करने में समय लग रहा हैं।राज्य सरकार इसमें पर्यावरण एवं स्थानीय मुद्दों का भी पूरा ध्यान रख रही हैं,और उससे कोई समझौता नही करेंगी।

06:47 PM Mar 25, 2022 IST | Desk Team

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि राजस्थान सरकार को आवंटित कोल खदानों के विधिवत प्रक्रिया पूरी करने में समय लग रहा हैं।राज्य सरकार इसमें पर्यावरण एवं स्थानीय मुद्दों का भी पूरा ध्यान रख रही हैं,और उससे कोई समझौता नही करेंगी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि राजस्थान सरकार को आवंटित कोल खदानों के विधिवत प्रक्रिया पूरी करने में समय लग रहा हैं।राज्य सरकार इसमें पर्यावरण एवं स्थानीय मुद्दों का भी पूरा ध्यान रख रही हैं,और उससे कोई समझौता नही करेंगी।
श्री बघेल ने आज यहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि राजस्थान सरकार कोयले की समस्या से छत्तीसगढ़ सरकार एवं भारत सरकार को लगातार अवगत कराती रही हैं और लगातार पत्र व्यवहार भी चल रहा हैं।उन्होने कहा कि भारत सरकार ने खदान का आवंटन तो कर दिया लेकिन उसकी विधिवत कार्रवाई में समय लगता हैं।
उन्होने कहा कि पर्यावरण एवं स्थानीय मुद्दों का भी राज्य सरकार को ध्यान रखना हैं साथ ही हसदेव बांगो बाध की सुरक्षा को भी देखना हैं।उन्होने कहा कि एलीफेंट कारीडोर को पूर्ववर्ती सरकार 450 किलोमीटर दायरे में रखा था लेकिन उनकी सरकार ने इसे 1995 किलोमीटर क्षेत्र में अधिसूचित किया हैं।श्री बघेल ने कहा कि खदान आवंटन में राज्य सरकार को सिर्फ यह देखना हैं कि नियमों का पालन हो।
श्री बघेल ने कहा कि खदानों के राज्य सरकारों को आवंटित किए जाने से 30 वर्षों में छत्तीसगढ़ को नौ लाख करोड़ रूपए का नुकसान होगा।अगर निजी क्षेत्र को खदान आवंटित होती हैं तो राज्य सरकार को प्रीमियम के साथ ही रायल्टी भी मिलती है,जबकि राज्य सरकारों को आवंटित होने पर पर केवल रायल्टी मिलती हैं।
श्री गहलोत ने राजस्थान में कोयले के गंभीर संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर जल्द कोयले की आपूर्ति शुरू नही हुई तो राज्य में 4500 मेगावाट के बिजली संयंत्र बन्द हो जायेंगे और राजस्थान में ब्लैक आउट की स्थिति उत्पन्न हो जायेंगी।इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर उन्हे स्वयं अनुरोध करने आना पड़ हैं। उन्होने कहा कि जहां कोल खदान आवंटित हुई है वह स्थान सकरा हैं और वहां राज्य सरकार की प्रक्रिया सम्बन्धी कार्रवाई पूरी होने पर खदान शुरू होने में दो माह लग जायेंगे।श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान रेगिस्तानी इलाका है और वहां कोल आधारित बिजली संयंत्र ही स्थापित हैं,इसलिए बहुत ज्यादा मुश्किल हैं।
इससे पूर्व श्री गहलोत राजस्थान के ऊर्जा मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दोपहर रायपुर पहुंचे और श्री बघेल,राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर तथा राज्य के अऩ्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लम्बी बैठक की।

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