पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य पर बड़ा एक्शन, शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार, अब तक 45 अरेस्ट
Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार, 24 सितंबर को बड़ा एक्शन लिया। (Ex-CM Bhupesh Baghe) पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और दीपेन चावड़ा को शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
Chhattisgarh Liquor Scam: कोर्ट ने 6 अक्टूबर तक भेजा हिरासत में
दोनों आरोपियों को विशेष अदालत (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत) में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 6 अक्टूबर तक एसीबी/ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले Chaitanya बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जुलाई में उनके भिलाई स्थित घर से गिरफ्तार किया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में जेल में थे। अब पेशी वारंट के बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है।

Chhattisgarh News Today: कब और कैसे सामने आया मामला?
यह मामला जनवरी 2024 में दर्ज हुआ था और इसे 2019 से 2022 के बीच हुए कथित शराब घोटाले से जोड़ा जा रहा है। यह घोटाला करीब 2,500 करोड़ रुपये का माना जा रहा है। उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे।
'चैतन्य घोटाले के मास्टरमाइंड'
ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल इस पूरे घोटाले में अहम भूमिका निभा रहे थे। एजेंसी का दावा है कि उन्होंने अकेले करीब 1,000 करोड़ रुपये का लेन-देन नियंत्रित किया और घोटाले से हुई कमाई को छिपाने में मदद की। एजेंसी के मुताबिक, एक सिंडिकेट ने मिलकर शराब कारोबार पर नियंत्रण किया और मोटा कमीशन वसूला गया।

Chhattisgarh News: वकील ने गिरफ्तारी को बताया दुर्भावनापूर्ण
चैतन्य बघेल के वकील फैसल रिजवी ने कहा कि गिरफ्तारी का कोई पुख्ता आधार नहीं है। उन्होंने बताया कि अब तक जो चार्जशीट और पूरक चार्जशीट दाखिल हुई हैं, उनमें चैतन्य का नाम नहीं है। उनके अनुसार कुल 45 लोगों पर आरोप हैं, लेकिन इनमें से 29 की गिरफ्तारी नहीं हुई, जबकि चैतन्य को निशाना बनाया गया। वकील ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया और इसका आधार सिर्फ एक आरोपी का बयान है।

ईडी और एसीबी की अब तक की कार्रवाई
इस मामले में ईडी और एसीबी ने अब तक कई बड़ी हस्तियों को गिरफ्तार किया है। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, अनवर ढेबर, आईएएस अनिल टुटेजा और अन्य अधिकारी शामिल हैं। ईडी का कहना है कि ये सभी लोग इस घोटाले में किसी न किसी रूप में शामिल थे। ईडी के अनुसार, घोटाले में शामिल लोगों ने शराब उत्पादकों से रिश्वत लेकर पूरा बाजार अपने नियंत्रण में ले लिया था, जिससे करोड़ों की अवैध कमाई हुई।
जांच जारी, कई बड़े खुलासे संभव
फिलहाल दोनों आरोपियों को हिरासत में रखकर पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियां इस घोटाले से जुड़े और भी पहलुओं की छानबीन कर रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं और कार्रवाई का दायरा बढ़ सकता है।