कितनी होती है भारत के मुख्य न्यायाधीश की सैलरी? जानिए नए CJI को क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं
Chief Justice of India Salary: जस्टिस सूर्यकांत सोमवार को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश बने। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद वह देश के लिए 53वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में भारत के नए मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत को पद की शपथ दिलाई। तो, क्या आप जानते हैं कि भारत के चीफ़ जस्टिस को कितनी सैलरी मिलती है? इस आर्टिकल में, आइए उनकी सैलरी और उन्हें मिलने वाले सरकारी सुविधाएं के बारे में जानते हैं।
CJI Retirement Benefits: इन आधारों पर तय होती है सैलरी

भारत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन, ग्रेच्युटी, पेंशन और अन्य लाभ दो मुख्य कानूनों के अंतर्गत तय किए जाते हैं—सुप्रीम कोर्ट जजेज (वेतन व सेवा शर्त) अधिनियम, 1958 और हाई कोर्ट जजेज (वेतन व सेवा शर्त) अधिनियम, 1954। इन प्रावधानों में किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए इन कानूनों में संशोधन करना आवश्यक होता है।
देखें CJI की सैलरी
आज यानी सोमवार,24 नवंबर 2025 को भारत को 53वें मुख्य न्यायाधीश मिला है। CJI यानी भारत का मुख्य न्यायाधीश देश के कानून विभाग का सबसे बड़ा पद होता है. इन्हें सुप्रीम कोर्ट का मुखिया भी कहा जाता है। ऐसे में वे भारत की न्याय व्यवस्था का बखूबी से ध्यान रखते हैं। उनके द्वारा लिए गए फैसलों का असर पूरे न्याय तंत्र पर पड़ता है।
इस अहम पद पर रहते हुए CJI को उच्च वेतन के साथ कई सुविधाएँ भी प्रदान की जाती हैं। भारत सरकार के नियमों के अनुसार देश के मुख्य न्यायाधीश को हर महीने 2.80 लाख रुपये का वेतन मिलता है। यह वेतन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जज वेतन अधिनियम के अनुसार निर्धारित किया जाता है, जिसमें केवल मूल वेतन शामिल होता है।
Chief Justice of India Perks: CJI को मिलने वाली सुविधाएं

सैलरी के साथ-साथ CJI को कई सरकारी सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं। इनमें दिल्ली में मुफ्त सरकारी आवास, मोबाइल और लैंडलाइन फोन की निशुल्क सुविधा, सरकारी खर्च पर देश-विदेश यात्रा, बिजली-पानी की मुफ्त या रियायती आपूर्ति, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, निजी ड्राइवर, सहायक और सुरक्षा शामिल हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन और सुरक्षा का लाभ भी मिलता है। इसके अलावा, महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी होने पर उनका HRA भी बढ़ सकता है।
Justice Surya Kant ने CJI भूषण आर गवई की जगह ली
जस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई भूषण आर गवई की जगह ली है। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) द्वारा दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया।
स्टिस सूर्यकांत: एक वकील से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की और फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। इस दौरान उन्होंने कई तरह के संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों को संभाला, जिसमें यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और यहां तक कि खुद हाईकोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया।
जुलाई 2000 में उन्हें हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल बनाया गया। इसके बाद, 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया और 9 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का परमानेंट जज बनाया गया।
बाद में, उन्होंने अक्टूबर 2018 से 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में अपनी पदोन्नति तक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर काम किया। नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन के तौर पर काम कर रहे हैं।
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