प्रधानमंत्री मोदी के मन में रहते हैं, बच्चे !
जिस प्रकार से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तक 116 ‘मन की बात’ के रेडियो कार्यक्रम पूर्ण किए हैं, विश्व के इतिहास में ऐसा उदाहरण किसी देश से नहीं मिलता कि उसका नेता हर रविवार, लगभग 150 करोड़ भारत वासियों से और विशेष रूप से बच्चों से अपना रिश्ता जोड़े हुए हैं…
जिस प्रकार से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तक 116 ‘मन की बात’ के रेडियो कार्यक्रम पूर्ण किए हैं, विश्व के इतिहास में ऐसा उदाहरण किसी देश से नहीं मिलता कि उसका नेता हर रविवार, लगभग 150 करोड़ भारत वासियों से और विशेष रूप से बच्चों से अपना रिश्ता जोड़े हुए हैं। जिस समय, मोदी जी जनता से रूबरू होते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि अपने घर का कोई बड़ा बात समझा रहा है। दिल को छू जाने वाली बहुत सी ऐसी बातों पर मोदी जी विचार व्यक्त करते हैं, जिन में पूर्ण रूप से देश सेवा व देशभक्ति का ज़िक्र होता है।
उदाहरण के तौर पर इस बार के ‘मन की बात’ में मोदी जी ने कई मुद्दे बच्चों को आधार बनाते हुए रखे, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र की दो बहनों अपसरा और प्रकृति को कपड़ों की कतरनों से खुशनुमा चीजें बनाने पर शाबाशी दी है। इसी प्रकार से उन्होंने बच्चों के तोड़ो, फोड़ो और जोड़ो अभियान को सलाम किया है। ऐसे ही देश ही नहीं, विदेश में भी उन्होंने गयाना के बच्चों को भी पेड़ लगाने के काम पर लगा दिया है, जिसमें राष्ट्रपति भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चले। इधर वापस भारत की ओर आएं तो यहां के बच्चों को भी ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में पूर्ण रूप से लगा दिया है। वैसे भी जब भी मोदीजी विदेशों में जाते हैं तो बच्चे भी उन से बड़े प्यार से मिलते हैं।
बच्चों से खास रिश्ता है प्रधानमंत्री मोदी का क्योंकि जब वे “परीक्षा पे चर्चा” के बच्चों से रूबरू एक कार्यक्रम पर उनसे विचारों का आदान-प्रदान कर रहे थे, तो उन्होंने उनसे स्वास्थ्य संबंधी एक प्रश्न पूछा था “क्या आपको दिन में चार बार पसीना आता है?” इस पर कुछ बच्चों ने हाथ खड़े किए, मगर सबने नहीं। उस पर मोदी ने बच्चों को बताया कि बढ़िया स्वास्थ्य के लिए इतना व्यायाम और हरकत अवश्य होनी चाहिए कि चार बार पसीना निकले। ऐसे ही एक बार, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के सातवें संस्करण में छात्रों और पेरेंट्स को कुछ ऐसी सलाह दी थीं जो बहुत काम की है। आप आज से ही इनका अनुसरण कर सकते हैं। बच्चों एवं छात्रों के आत्म विश्वास को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी परीक्षा पे चर्चा में बैठते हैं। इस दौरान वे छात्रों एवं अभिभावकों के सवालों का जवाब देते हैं और कुछ मामलों पर अपनी सलाह भी रखते हैं। आज हम आपके लिए परीक्षा पे चर्चा से मोदी की छात्रों एवं पेरेंट्स के लिए खास सलाह और टिप्स लेकर आए हैं।
एक सेशन में पीएम मोदी ने बच्चों पर पढ़ाई के स्ट्रेस और एग्जांम के प्रेशर पर बात की थी। उनका कहना है कि प्रेशर से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है कि आप तैयारी करके चलो। मोदी ने कहा कि ‘हमें खुद को प्रेशर झेलने के लिए तैयार करने की जरूरत है। सही वक्त पर जैसा कुछ नहीं होता है इसलिए उसका इंतजार न करें। या कारण है कि एक बच्चे ने तो यह बोल दिया कि विकास का दूसरा नाम नरेंद्र मोदी है। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री देश-विदेश के स्टूडेंट्स, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत करते चले आए हैं। इस कार्यक्रम का मकसद बोर्ड परीक्षाओं से पहले स्टूडेंट्स का तनाव कम करना है। इसकी पूरी तैयारी शिक्षा मंत्रालय करता है। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षार्थियों को एग्जाम से होने वाले तनाव से निपटने के टिप्स देते हैं। इसके साथ ही टीचर्स और पेरेंट्स से भी संवाद करते हैं। इस प्रोग्राम में कक्षा 6 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स शामिल होते हैं। इसमें परीक्षा की तैयारी के लिए बेस्ट टिप्स भी दिए जाते हैं। सिर्फ यही नहीं, परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से पहले कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा, स्टूडेंट्स, शिक्षकों और अभिभावकों को प्रश्न पूछने का मौका भी मिलता है।
प्रधानमंत्री का बच्चों से यह प्यार बिल्कुल ऐसा ही है, जैसे पूर्व राष्ट्रपति, डा. एपीजे अब्दुल कलाम साहब का था, कि जहां भी उन्हें बच्चे दिखाई पड़ जाएं, वे तुरंत उनकी ओर बढ़ जाते हैं। इसी तरह एक बार गांधी प्रतिष्ठान में पिछली बार गांधी जयंती पर जब इसके अध्यक्ष, विजय गोयल ने कार्यक्रम आयोजित किया तो उसमें गांधी के भजन गाने के लिए स्कूलों से आए बच्चों की उपस्थिति भी थी। जब सब बच्चे भजन गा चुके तो वे उनकी ओर बढ़े और बच्चे भी उनकी ओर लपके और एक अच्छा समय उन्होंने बच्चों को दिया। यूं तो पूर्व प्रधानमंत्री, पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने जन्म दिवस को ‘चिल्डरेंस डे’ के रूप में परिवर्तित कर दिया था, मगर वस्तव में मोदीजी को जहां भी बच्चे मिल जाते हैं, वे उनसे बड़े प्यार से पेश आते हैं कि कभी उन्हें गोद में ले लेते हैं तो कभी उनसे बतियाते हैं। यही कारण है कि मोदी ने ‘बाल दिवस’ को गुरु गोविंद सिंह के चार बच्चों, साहिबजादा अजित सिंह, साहिबजादा ज़ोरवार सिंह, साहिबजादा फतेह सिंह और साहिबजादा जुझार सिंह को समर्पित कर दिया। यूं तो सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बच्चों से बड़े प्यार से मिलते हैं, मगर मोदी की बात ही अलग है, क्योंकि वे इतने मिलनसार हैं कि जो भी उनसे मिलता है, उसे ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे वह उसी के सब से क़रीब हैं।