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'धार्मिक स्वतंत्रता में दखल नहीं...', दलाई लामा उत्तराधिकार विवाद पर चीन ने जताई आपत्ति, तो MEA ने साफ किया रुख

08:15 PM Jul 04, 2025 IST | Amit Kumar
Dalai Lama

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने हाल ही में अपने उत्तराधिकारी और उनकी संस्था के भविष्य को लेकर एक अहम बयान दिया. इस बयान के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर आधिकारिक बयान जारी किया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार ने दलाई लामा के बयान से जुड़ी खबरों को देखा है. उन्होंने साफ किया कि भारत सरकार धर्म और आस्था से जुड़ी परंपराओं में हस्तक्षेप नहीं करती और इस विषय पर कोई राय नहीं देती. भारत हमेशा से ही धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांत का समर्थन करता आया है और आगे भी करता रहेगा.

भारत का तटस्थ रुख

दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर दुनियाभर में चर्चा चल रही है. भारत में बड़ी संख्या में तिब्बती शरणार्थी रहते हैं और तिब्बती निर्वासित सरकार भी यहीं स्थित है. इसके बावजूद भारत सरकार ने इस मामले में कोई सीधा पक्ष नहीं लिया है. सरकार का जोर केवल इस बात पर है कि हर व्यक्ति को अपने धर्म और परंपरा का पालन करने की आज़ादी होनी चाहिए.

चीन की प्रतिक्रिया और आपत्ति

दरअसल, कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर निर्णय सिर्फ दलाई लामा का होना चाहिए. इस पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी और भारत से इस मामले में संवेदनशीलता बरतने को कहा था.

रिजिजू ने क्या कहा?

किरेन रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर कोई भी फैसला लेने का अधिकार केवल दलाई लामा को है. उन्होंने कहा कि यह फैसला न सिर्फ तिब्बती समुदाय बल्कि दुनियाभर के उनके अनुयायियों के लिए बहुत मायने रखता है. यह बयान चीन को पसंद नहीं आया और उसने विरोध जताया.

भारत की स्थिति एकदम स्पष्ट

भारत ने एक बार फिर साफ किया है कि वह धार्मिक मामलों में दखल नहीं देता. भारत का संविधान हर नागरिक को धार्मिक आज़ादी का अधिकार देता है और सरकार उसी मार्ग पर चल रही है. भारत ने अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है और वह इसी नीति पर कायम रहेगा.

यह भी पढ़ें-‘सोने के कलश से लॉटरी…’, Dalai Lama के उत्तराधिकारी पर चीन ने दी नसीहत, तो भड़क उठा तिब्बत

 

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