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भारत के साथ संबंध सुधारने में लगा चीन? विदेश मंत्री वांग बोले- देशों को प्रतिद्वंदी नहीं साझेदार होना चाहिए

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि उनके देश और भारत को पिछले कुछ साल में ‘थोड़ी मुश्किलों का सामना’ करना पड़ा है जो दोनों देशों के बुनियादी हितों में नहीं है।

04:42 PM Mar 07, 2022 IST | Desk Team

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि उनके देश और भारत को पिछले कुछ साल में ‘थोड़ी मुश्किलों का सामना’ करना पड़ा है जो दोनों देशों के बुनियादी हितों में नहीं है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि उनके देश और भारत को पिछले कुछ साल में ‘थोड़ी मुश्किलों का सामना’ करना पड़ा है जो दोनों देशों के बुनियादी हितों में नहीं है। वांग ने सीमा संबंधी मतभेदों का समाधान बातचीत से निकालने की वकालत की। संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्री वांग ने कहा कि कुछ ताकतों ने चीन और भारत के बीच हमेशा तनाव पैदा करने की कोशिश की है। उनका इशारा संभवत: अमेरिका की तरफ था।
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बातचीत से सुलझाएं सीमा विवाद :वांग 
वांग ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा संबंधी मुद्दे और संबंधों पर कहा, ‘‘चीन और भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ मुश्किलों का सामना किया है जो दोनों देशों और उनके लोगों के बुनियादी हित में नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि चीन और भारत को प्रतिद्वंद्वी होने के बजाय साझेदार होना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने कहा था कि सीमा पर सैन्य बलों को नहीं भेजने के समझौतों का बीजिंग द्वारा उल्लंघन किये जाने के बाद चीन के साथ भारत का रिश्ता इस समय ‘बहुत मुश्किल दौर’ से गुजर रहा है।
भारत LAC पर कर रहा है समस्या का सामना
जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस (एमएससी) 2022 में एक पैनल वार्ता में जयशंकर ने कहा था कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ समस्या का सामना कर रहा है। पैंगोंग झील के इलाकों में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा हो गयी थी और दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे वहां हजारों सैनिकों तथा भारी हथियारों को पहुंचाकर अपनी तैनाती बढ़ाई। गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को घातक संघर्ष के बाद तनाव बढ़ गया था।
चीन ने भारत के साथ हुई वार्ता को बताया था फलदायी 
सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के परिणाम स्वरूप दोनों पक्षों ने पिछले साल गोगरा में तथा पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी। भारत और चीन ने 12 जनवरी को कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की बातचीत की थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने सैन्य तथा कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई थी ताकि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लंबित मुद्दों का ‘परस्पर स्वीकार्य समाधान’ निकल सके।
चीन ने भारत के साथ सैन्य स्तर की वार्ता के ताजा दौर को ‘सकारात्मक और फलदायी’ बताया था और कहा था कि बीजिंग सीमा विवाद के उचित प्रबंधन के लिए नयी दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा। चीन ने पड़ोसियों को ‘डराने धमकाने’ के अमेरिका के आरोप को खारिज कर दिया था।

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