चीन के हाथ लगी नई उपलब्धि, अब स्मार्टफोन से ही पता चल जाएगा न्यूक्लियर रेडिएशन
चीन ने स्मार्टफोन के लिए बनाया न्यूक्लियर रेडिएशन डिटेक्टर चिप, बड़ी उपलब्धि
Radiation Detector Chip: न्यूक्लियर रेडिएशन बेहद खतरनाक होता है. चीन ने ऐसा चिपसेट बनाने में कामयाबी हासिल की है, जिसके जरिए स्मार्टफोन को न्यूक्लियर रेडिएशन का पता चल जाएगा। चीन की एक सरकारी कंपनी ने इस चिप को बनाया है। सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी में इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
चीन ने बनाया न्यूक्लियर रेडिएशन डिटेक्टर चिप
क्लियर रेडिएशन का पता लगाने के लिए अब बड़े सिस्टम की जरूरत नहीं है. चीन ने इस काम को काफी आसान बना दिया है। पड़ोसी देश ने एक ऐसी चिप बनाई है, जो न्यूक्लियर रेडिएशन का पता लगा सकती है। इस चिप को स्मार्टफोन में लगाया जा सकता है, जिसके बाद आपका फोन न्यूक्लियर रेडिएशन डिटेक्टर बन जाएगा। चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन (CNNC) एक सरकारी कंपनी है, जिसने इस चिप को बनाया है. सीएनएनसी ने इस चिप का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करने का ऐलान किया है।
चिप की खासियत
सीएनएनसी ने जो चिप डेवलप की है वो एक्सरे और गामा रेडिएशन के डोज रेट को माप सकती है. इससे 100 नैनोसीवर्ट/घंटा से लेकर 10 मिलीसीवर्ट/घंटा तक की रेंज में रेडिएशन को मापा जा सकता है। इतनी बड़ी रेंज इसे रेडिएशन डोज की निगरानी के लिए अलग-अलग माहौल में इस्तेमाल के लिए अच्छा ऑप्शन बनाती है. इनमें रिएक्टर और वेपन प्लांट जैसे न्यूक्लियर रिलेटेड वर्कप्लेस और रेडिएशन जोन के नजदीक प्राकृतिक क्षेत्र शामिल हैं।
चाइनीज मीडिया के मुताबिक, सीएनएनसी की सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी एक्स-रे और गामा रेडिएशन का पता लगा सकती है। इस बारे में कंपनी ने चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर एक ऑफिशियल बयान जारी किया है। आइए जानते हैं कि यह चिप एक स्मार्टफोन को न्यूक्लियर रेडिएशन डिटेक्टर कैसे बना देती है।
चिप की परफॉर्मेंस
15 मिमी x 15 मिमी x 3 मिमी जैसा छोटा साइज होने के बावजूद चिप की परफॉर्मेंस से कोई समझौता नहीं किया गया है। सीएनएनसी इसकी एफिशियंसी की तुलना गीजर-मुलर काउंटर से करता है। छोटा आकार इसे स्मार्टफोन में जोड़ने या अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) या ड्रोन से जोड़ने के काबिल बनाता है। इन चीजों का इस्तेमाल उन जगहों पर किया जा सकता है, जहां न्यूक्लियर रेडिएशन का खतरा है।
इलेक्ट्रॉन-वोल्ट तक की एनर्जी डिटेक्टर
यह चिप 50 किलोइलेक्ट्रॉन वोल्ट से लेकर दो मेगा इलेक्ट्रॉन-वोल्ट तक की एनर्जी का पता लगा सकती है, जबकि यह एक मिलीवाट की बहुत कम पावर पर चलती है। यह ज्यादा बिजली खर्च नहीं करती, इसलिए इसका इस्तेमाल अलग-अलग जगहों पर किया जा सकता है।
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