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आखिरकार कोरोना पर चीन की खुल ही गयी पोल, जानकारी शेयर करने वाले वकील को चार साल की हुई कैद

चीन की एक अदालत ने कोरोना वायरस संक्रमण के शुरूआती चरण की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली एक पूर्व वकील को हवाई यात्रा करने और देश में संकट पैदा करने के आरोप में चार साल की कैद की सजा सुनाई है।

06:54 PM Dec 28, 2020 IST | Ujjwal Jain

चीन की एक अदालत ने कोरोना वायरस संक्रमण के शुरूआती चरण की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली एक पूर्व वकील को हवाई यात्रा करने और देश में संकट पैदा करने के आरोप में चार साल की कैद की सजा सुनाई है।

चीन की एक अदालत ने कोरोना वायरस संक्रमण के शुरूआती चरण की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली एक पूर्व वकील को हवाई यात्रा करने और देश में संकट पैदा करने के आरोप में चार साल की कैद की सजा सुनाई है। शंघाई में पुडोंग न्यू एरिया जन अदालत ने झांग झान को यह सजा सुनाई है। दरअसल, उन पर आरोप लगाये गए थे कि कि उन्होंने वायरस संक्रमण के प्रसार के बारे में झूठी सूचना फैलाई, विदेशी मीडिया को साक्षात्कार दिये, लोक व्यवस्था में व्यवधान डाला और महामारी के बारे में दुर्भावनापूर्ण बयान दिए। 
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अधिवक्ता झांग केके ने सजा सुनाए जाने की पुष्टि की है , लेकिन कहा कि इस बारे में ब्योरा देना अनुपयुक्त है। संभवत: यह इस बात की ओर संकेत था कि अदालत ने इस बारे में विवरण साझा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने झांग से यह नहीं पूछा कि क्या वह अपील करना चाहेंगी, वहीं झांग ने भी संकेत नहीं दिया कि वह ऐसा करेंगी। 
गौरतलब है कि झांग (37) ने फरवरी में वुहान की यात्रा की थी और सोशल मीडिया के कई मंचों पर महामारी फैलने के बारे में पोस्ट किया था। समझा जाता है कि कोविड-19 महामारी पिछले साल के अंत में मध्य चीन के इस शहर से फैलनी शुरू हुई थी। उन्हें मई में गिरफ्तार किया गया था। चीन में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लक्षित राष्ट्रव्यापी उपायों और सरकार की शुरूआती प्रतिक्रिया की आलोचना पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने के बीच यह कार्रवाई की गई थी। 

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झांग हिरासत में रहने के दौरान कथित तौर पर लंबी भूख हड़ताल पर बैठ गई, जिस कारण प्राधिकारियों को जबरन उन्हें भोजन कराना पड़ा और उनका स्वास्थ्य खराब बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चीन पर महामारी के शुरूआती प्रसार को ढंकने और महत्वपूर्ण सूचना साझा करने में देर करने के आरोप लगाये जाते रहे हैं। चीन के इस कथित कदम से वायरस का प्रसार हुआ और महामारी विश्वव्यापी हो गई, जिसने दुनिया भर में आठ करोड़ से अधिक लोगों को बीमार कर दिया और करीब 18 लाख लोगों की जान ले ली। 
हालांकि, चीन इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए यह कहता रहा है कि उसने फौरी कार्रवाई की और शेष विश्व को तैयारी करने के लिए समय मिल गया। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का मीडिया पर सख्त नियंत्रण है और अपनी अनुमति के बगैर सूचना साझा नहीं करने देना चाहती है। 
महामारी के शुरूआती दिनों में प्राधिकारियों अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए कई चिकित्सकों को फटकार लगाई थी,जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपने मित्रों को वायरस के बारे में सतर्क किया था। इनमें एक प्रमुख चिकित्सक ली वेनलियांग भी थे, जिनकी कोरोना वायरस संक्रमण से बाद में मौत हो गई। 

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