चीन अपनी आक्रमक नीति के चलते अमेरिका को भारत के खिलाफ भड़काता है : अमेरिकी राजनयिक
अमेरिका में बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सांसदों से कहा है कि चीन हर समय भारत के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई करता है, जैसा कि वह अमेरिका के मामले में भी करता है।
03:18 PM Mar 03, 2022 IST | Desk Team
विश्व का शक्तिशाली देश कहे जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के अधिकारों ने औपचारिक तौर से सासदों से कहा है कि चीन हर समय भारत के खिलाफ कड़ी निंदा करता रहता है और भारत के खिलाफ उकसाने की प्रकिया करता हैं इन बातों के चलते चीन अब अमेरिका के नीजि मामले में भी हस्तक्षेप कर रहा हैं।
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भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत बनाना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,अमेरिकी प्रशासन चीन की इन हरकतों से निपटने के लिए भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत बनाने में सहयोग देने को प्रतिबद्ध है। चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख की सीमा पर सैनिकों की तैनाती न करने संबंधी समझौतों का उल्लंघन किए जाने के कारण नयी दिल्ली और बीजिंग के बीच संबंध फिलहाल काफी तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं।
आतंकवादी मामला
दक्षिण एवं मध्य एशिया में अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लु ने बुधवार को सीनेट की निकट पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और आतंकवाद निरोधी मामलों की विदेशी संबंध उपसमिति से कहा, “लगातार आक्रामक होता चीन जैसे अमेरिका के सामने चुनौतियां पेश कर रहा है, ठीक वैसे ही वह हर समय भारत को भी उकसाता रहता है।”
2020 में लद्दाख सीमा विवाज
वहीं, लु ने कहा, “भारत ने बीजिंग ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार किया था। उसने 2020 में लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों के साथ झड़प के लिए जिम्मेदार एक चीनी कमांडर को ओलंपिक खेलों में मशाल वाहक बनाए जाने के विरोध में यह कदम उठाया था।”
अरुणाचल प्रदेश के बड़े हिस्से को चीनी क्षेत्र में दिखाया
जानकारी के मुताबिक बीजिंग ने हाल ही में एक नया नक्शा भी जारी किया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के बड़े हिस्से को चीनी क्षेत्र में दिखाया गया था और उसके शहरों को चीनी नाम दिया गया था।लु ने कहा, “हम अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारी में प्रगति लाने को प्रतिबद्ध हैं। हम मजबूत नौसैनिक सहयोग के अलावा खुफिया जानकारी साझा करने और अंतरिक्ष एवं साइबर स्पेस जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना भी जारी रखेंगे। इसका मकसद चीन के उकसावे से निपटने में भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत बनाना है।”
लु ने मेलबर्न में हाल ही में हुई क्वाड देशों की मंत्रिस्तरीय बैठक का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्र और मुक्त हिंद प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के सभी क्वाड साझेदारों के दृढ़ संकल्प से प्रभावित हैं।
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