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चीन के नापाक इरादों के खात्मे के लिए संगठित और जागरूक होना जरूरी: इंद्रेश

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12:12 PM Oct 07, 2017 IST | Desk Team

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जींद: देश के लिए नासूर बन रहे बिगड़े चाइना को किस तरीके और सलीखे से लाईन पर लाया जा सकता है, इसके लिए जींद के सीआरएस विश्वविद्यालय में शुक्रवार को सुझाव मंत्रों का ऐसा गूंजायमान जो अब जन आंदोलन के रूप में देश भर के शिक्षण संस्थानों में अपनी रोशनी बिखेरकर क्लास रूमों तक सीमित रहने वाले शिक्षकों को उनका कत्र्तव्यबोध याद दिलाता हुआ नजर आयेगा। नापाक इरादों के साथ भारत की ओर देख रहे चीन को ठिकाने पर लगाने के लिए सीआरएसयू में जो उभरते भारत, बिगड़ते चाइना विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, उसमें गूंजने के लिए राष्ट्रीय समाज सुधारक एवं आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार और जम्मू कश्मीर के पर्यावरण एवं वन मंत्री लाल सिंह चौधरी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।

इसके अलावा चाइना की गतिविधियों पर ध्यान रखने वाले चिंतकों, सेना के रिटायर्ड अधिकारियों तथा हरियाणा के अधिकतर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और मुख्यमंत्री के निजी सचिव राजेश गोयल ने अपने वक्तव्योंं में देश के शिक्षकों तथा युवाओं से संगठित होकर कुछ कर गुजरने का आह्वान किया। इन महारथियों के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के समागम को कराने वाले सीआरएस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. आरबी सौलंकी ने कहा कि देश हित में जींद की धरा से जो आवाज बुलंद हुई है, उसकी गूंज विदेशों तक भी पहुंचेगी। इस खास पहल से देश और विदेशों में रहने वाला भारत का शिक्षक क्लास रूम से बाहर निकलकर नीति-निर्धारण में सुझाव मंत्रों की आहुति डालेगा।

इस मौके पर वाइस चांसलर प्रो. आरबी सौलंकी और रजिस्ट्रार डॉ. राजबीर सिंह ने वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भी भेंट कियेे। राष्ट्रीय समाज सुधारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि जींद के सीआरएस विश्वविद्यालय में जो आज अलख जगी है, वह उस जन आंदोलन की शुरूआत है, जिसके आगे दुस्साहस करने वाला चीन पीछे हटने को मजबूर हो जाएगा। कैलाश मानसरोवर, तिब्बत पर नजर गाढ़कर अपने नापाक इरादों से आगे बढ़ रहे चीन को रोकने के लिए जरूरी है कि देश का जन-जन अपने कत्र्तव्यों को समझे और चीन को कुटनीति तथा आर्थिक तौर से चोट पहुंचाने का काम करें। उन्होंने कहा कि यह देश की विडम्बना है कि पिछले 60-65 सालों में कांग्रेस ने आजादी के नाम पर देश पर राज किया। किंतु वह देशहित में कदम नहीं उठा सकी। चीन, भारत पर अपनी कुदृष्टि डालता रहा और तत्कालीन सत्तासीन मूकदर्शक बने रहे। उन्होंने देश के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि बापू महात्मा गांधी इस विभाजन से कतई खुश नहीं थे। क्योंकि देश को आजादी नहीं, विभाजन मिला था। समाज सुधारक ने कहा कि चीन जनमानस के लिए खतरे के रूप में आगे बढ़ रहा है। उसे रोकने के लिए मोदी सरकार ने जो कदम उठाएं है, उसमें जन सहयोग जरूरी है। चीन के साथ-साथ आतंकवाद का जन्मदाता माने जाने वाला पाकिस्तान भी देश की शांति में खलल डालने का प्रयास कर रहा है। किंतु अब देश की सेना, जनता के सहयोग से हर उस बुरी ताकत से निपटने को तैयार है। खासकर युवा देश हित में जागरूक हो रहा है। उन्होंने कहा कि चीन की कूटनीति और आर्थिक नीति के कारण देश में सवा तीन करोड़ लोग भूखमरी और बेरोजगार हो चुके हैं। अगर देश का हर नागरिक स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग और प्रचार करें तो देश को इस विकट स्थिति से निकला जा सकता है। इसमें देश के जन-जन की भागीदारी जरूरी है।

इस भागीदारी के लिए सीआरएसयू में जो आज शुरूआत हुई है, वह अब देश के हर विश्वविद्यालय में अपने संदेश की रोशनी बिखेरती नजर आएगी। क्योंकि शिक्षकों के लिए जरूरी है कि वे बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अपने ज्ञान कोश से देश हित में नीति निर्धारण करने में सहयोग करें। शिक्षकों के सुझाव मंत्र केंद्र सरकार तक पहुंंंचेंगे और जो सुझाव देशहित में है, वह सुरक्षा के साथ-साथ कूटनीति और आर्थिक नीतियों में मददगार होगा। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में रिटायर्ड बिग्रेडियर नरेन्द्र कुमार, रिटायर्ड बिग्रेडियर आरबी शर्मा, प्रो. कपिल कपूर, प्रो. आरबी यादव, राजबीर शर्मा, रश्मी फौजदार, प्रो. ताहीर हुसैन साउथ अफ्रीका, चेरिंग डोरजेय लद्दाख, प्रो. आरके अनायथ कुलपति डीक्रस्ट मुरथल, प्रो. विजय कुमार कायत कुलपति सीडीएलयू सिरसा, प्रो. बिजेन्द्र कुमार पूनिया कुलपति एमडीयू रोहतक, केपी सिंह कुलपति सीसीएसएचएयू हिसार, प्रो. आरसी कुहाड कुलपति सैन्ट्रल यूनिवर्सिटी महेन्द्रगढ़, गजेन्द्र सिंह सौलंकी सहित देश-विदेश से अनेकों शिक्षाविदें ने अपने विचार रखे। इस मौके पर डीन ऑफ कॉलेजिज एसके सिन्हा, डीन ऑफ एजुकेशन प्रो. संदीप बेरवाल, केयूके के पूर्व वीसी डॉ. ए.के चावला, सहायक प्रो. जयपाल सिंह समेत एबीवीपी नेता श्रीनिवास, भाजपा के जिला प्रधान अमरपाल राणा, सोमदत्त शर्मा, सुशील शास्त्री सहित विभिन्न कॉलेजों से आएं हुए प्राचार्य, शिक्षक और स्कोलर्स मौजूद थे।

– संजय शर्मा

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