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टेक्नोलॉजी में अमेरिका को टक्कर देने के लिए चीन ने बनाया प्लान, चौतरफा विरोध के बीच उठाया बड़ा कदम

चीन के नेताओं ने अमेरिका के साथ टकराव के कारण कंप्यूटर चिप और अत्याधुनिक कलपुर्जे तक पहुंच सीमित होने के मद्देनजर अपने देश को प्रौद्योगिकी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है ।

04:39 PM Oct 30, 2020 IST | Ujjwal Jain

चीन के नेताओं ने अमेरिका के साथ टकराव के कारण कंप्यूटर चिप और अत्याधुनिक कलपुर्जे तक पहुंच सीमित होने के मद्देनजर अपने देश को प्रौद्योगिकी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है ।

चीन के नेताओं ने अमेरिका के साथ टकराव के कारण कंप्यूटर चिप और अत्याधुनिक कलपुर्जे तक पहुंच सीमित होने के मद्देनजर अपने देश को प्रौद्योगिकी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है । सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने अगले पांच साल के लिए अर्थव्यवस्था के विकास का खाका तैयार करने के लिए बैठक के बाद यह घोषणा की । 
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राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सरकार सुरक्षा और जासूसी को लेकर अमेरिका से टकराव के बीच चीन को प्रौद्योगिकी से जुड़े सामान की बिक्री पर ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध से हुए नुकसान से निपटने का प्रयास कर रही है । कम्युनिस्ट नेता दूरसंचार, जैवप्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में चीनी कंपनियों के जरिए समृद्धि के रास्ते पर बढ़ना चाहते हैं। 
सत्तारूढ़ पार्टी के एक बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय विकास को रणनीतिक समर्थन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहिए ।’’ इसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश को एक बड़ी ताकत बनाने का वादा किया गया है लेकिन इस बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया गया है । देश में पंचवर्षीय योजना 1950 के दशक से ही चलायी जा रही है। पूरी योजना मार्च में जारी की जाएगी । उसके बाद हरेक उद्योगों के लिए नियमन और उद्योगों में बदलाव की घोषणा की जाएगी । 

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पार्टी के बृहस्पतिवार के बयान में हरित और कम कार्बन उत्सर्जन वाले विकास तथा लोगों के रहन-सहन के स्तर को बढ़ावा देने का वादा किया गया है । इसके साथ ही 23 लाख सदस्यों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को मजबूत करने और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए रणनीतिक क्षमता को बढ़ावा देने की भी बात कही गई है । बयान में कहा गया है कि ‘‘चीन जटिल अंतरराष्ट्रीय हालात’’ का सामना कर रहा है लेकिन कोरोना वायरस महामारी या अमेरिका के साथ चल रहे गतिरोध का जिक्र नहीं किया गया है । 
चीन की फैक्टरियों में दुनिया के अधिकतर स्मार्टफोन, निजी कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान तैयार किए जाते हैं लेकिन उसे अमेरिकी, यूरोपीय और जापानी कलपुर्जे की जरूरत होती है। इसे कम्युनिस्ट नेता ‘‘रणनीतिक कमजोरी’’ के तौर पर देखते हैं। बयान में किसी खास प्रौद्योगिकी का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन सत्तारूढ़ दल के नेता स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार और अन्य प्रौद्योगिकी में इस्तेमाल होने वाले प्रोसेसर चिप को लेकर अमेरिका पर निर्भरता से चिंतित हैं और अपने देश में इसका विकास करना चाहते हैं।  

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