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चीन के तीसरे नंबर के नेता ली झांशु ने नेपाल PM शेर बहादुर से की भेंट ; ओली, प्रचंड से वार्ता की

चीन के शीर्ष सांसद और देश के राजनीतिक पदानुक्रम में तीसरे नंबर के नेता ली झांशु ने मंगलवार को विभिन्न विषयों पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से बातचीत की।

10:49 PM Sep 13, 2022 IST | Shera Rajput

चीन के शीर्ष सांसद और देश के राजनीतिक पदानुक्रम में तीसरे नंबर के नेता ली झांशु ने मंगलवार को विभिन्न विषयों पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से बातचीत की।

चीन के शीर्ष सांसद और देश के राजनीतिक पदानुक्रम में तीसरे नंबर के नेता ली झांशु ने मंगलवार को विभिन्न विषयों पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से बातचीत की।
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झांशु ने नेपाल के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ भी वार्ता की और द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की।
चीन की संसद ‘नेशनल पीपुल्स कांग्रेस’ की स्थायी समिति के अध्यक्ष ली ने प्रधानमंत्री देउबा से मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की। प्रधानमंत्री देउबा नेपाली कांग्रेस के प्रमुख हैं।
विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, नेपाली छात्रों की चीन वापसी, यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने और सीमा बंदरगाहों को फिर से खोलने सहित आपसी हित के व्यापक मामलों पर चर्चा की।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘चीनी पक्ष ने ‘एक-चीन नीति’ पर नेपाल के रुख और चीन के मूल हितों के खिलाफ नेपाली क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने की उसकी प्रतिबद्धता के लिए सराहना की।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘ली ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि चीन तिब्बत में कोविड-19 मामलों को नियंत्रित करने के तुरंत बाद बंदरगाहों को फिर से खोल देगा, जबकि नेपाल में आगामी उत्सवों के लिए सामान और आपूर्ति ले जाने वाले कंटेनरों को जाने की अनुमति होगी।’’
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘चीनी प्रतिनिधिमंडल ने (हमें) सूचित किया कि वह नेपाल में चीनी-सहायता प्राप्त परियोजनाओं को लागू करने के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा।’’
ली नेपाल के स्पीकर अग्नि प्रसाद सपकोटा के आमंत्रण पर सोमवार को तीन दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक ली ने विदेश मंत्री नारायण खड़का से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी हितों के मामलों पर चर्चा की।
इससे पहले, ली ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष गणेश प्रसाद तिमिल्सिना के साथ बैठक की और अंतर-संसदीय आदान-प्रदान और सहयोग सहित नेपाल-चीन संबंधों के विभिन्न मामलों पर चर्चा की।
ली ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्रियों के पी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ से भी बातचीत की और द्विपक्षीय संबंधों तथा आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की।
सीपीएन-यूएमएल के सूत्रों के अनुसार ली ने यहां संघीय संसद भवन में पार्टी अध्यक्ष ओली के साथ बातचीत की और बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। ओली के साथ अष्ट लक्ष्मी शाक्य, सुभाष नेमवांग और राजन भट्टराई सहित अन्य नेता थे।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि ली ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष प्रचंड से भी मुलाकात की, जिसमें द्विपक्षीय हित और आपसी चिंता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर उपाध्यक्ष कृष्ण बहादुर महारा, महासचिव देव गुरुंग, पम्फा भूषण और शक्ति बसनेत सहित पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे। सोमवार को ली और स्पीकर सपकोटा ने गहन बातचीत की, जिसके बाद नेपाल की संसद और चीन की ‘पीपुल्स कांग्रेस’ के बीच अंतर-संसदीय सहयोग को लेकर छह-सूत्रीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने नेपाल और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग की शानदार स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की और आपसी हितों के विभिन्न मामलों पर चर्चा की। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी पहल बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को लागू करने के महत्व पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
राष्ट्रपति शी द्वारा 2013 में शुरू की गई पहल बीआरआई एक विशाल बुनियादी ढांचा परियोजना है, जो पूर्वी एशिया से यूरोप तक फैली है और इसका उद्देश्य दुनिया भर में बीजिंग के प्रभाव को बढ़ाना है। चीनी पक्ष ने आश्वासन दिया कि वह नेपाल जाने वाले सभी कंटेनरों को अनुमति प्रदान करेगा, जो नेपाल में त्योहारी सीजन से पहले काठमांडू से 100 किलोमीटर पूर्व में सिंधुपालचौक जिले के टाटोपानी में नेपाल-चीन सीमा बिंदु पर हफ्तों से रुके हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षरित छह-सूत्रीय समझौता ज्ञापन में उच्च-स्तरीय यात्राओं, आपसी सद्भावना और समझ को बढ़ावा देने, क्षेत्रीय और वैश्विक संगठनों के ढांचे के तहत पारस्परिक सहायता को मजबूत करने, बीआरआई समेत अन्य समझौतों के अनुसार संपर्क बढ़ाने से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन पांच साल तक प्रभावी रहेगा, लेकिन यह तब तक लागू रहेगा जब तक कि कोई भी पक्ष इसमें संशोधन या रद्द करने के लिए नहीं लिखता।
ली 67 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें ‘पीपुल्स कांग्रेस’, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं।
ली बुधवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात करेंगे। वह बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय दौरे के समापन से पहले भूकंप के बाद पुनर्निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए भक्तपुर भी जाएंगे।
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