बिहार चुनाव 2025 के नतीजों के बाद चिराग पासवान का NDA में बढ़ा कद, 2030 में CM पद पर बैठने की अटकलें तेज! जानें उनका अब तक का सफर
Chirag Paswan Journey in NDA: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने सभी को चौंका के रख दिया है। वहीं इन नतीजों ने चिराग पासवान को राज्य की राजनीति में एक नई ऊंचाई देने का काम किया है। बता दें, कि कभी खुद को “सब्जी का नमक” बताने वाले चिराग आज एनडीए में एक मजबूत नेता के रूप में उभरकर सामने आए हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इस चुनाव में कुल 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 19 सीटों पर जीत दर्ज की गई।
यह प्रदर्शन चिराग पासवान की रणनीति और नेतृत्व की मजबूती को दिखाता है। पार्टी के अंदर टिकट बंटवारे को लेकर चर्चा जरूर हुई, लेकिन इसके बावजूद एलजेपी (आर) ने महागठबंधन से 17 सीटें छीनकर अपनी ताकत साबित कर दी। एनडीए की कुल सीटों में भी चिराग का योगदान बड़ा रहा, जिसके कारण गठबंधन राज्य में 200 से ज्यादा सीटें हासिल करने में सफल रहा।

Chirag Paswan Journey in NDA: लोकसभा में मजबूत उपस्थिति
चिराग पासवान की राजनीतिक बढ़त सिर्फ विधानसभा चुनावों तक सीमित नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने अपनी सभी 5 सीटों पर जीत हासिल की। इस जीत ने चिराग को केंद्र की राजनीति में भी मजबूती दी और उनके सौदेबाजी के कौशल को और प्रभावी बनाया।इसके साथ ही, जब अन्य दलित नेताओं, जैसे मायावती या जीतन राम मांझी का प्रभाव घट रहा है, उस समय चिराग पासवान एक नए दलित युवा नेता के रूप में उभर रहे हैं।
Bihar Election 2025: पारिवारिक राजनीति में बढ़त
चिराग की सफलता ने उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के उस दावे को भी कमजोर कर दिया है, जिसमें वे रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत पर दावा करते थे। लगातार मिल रही चुनावी सफलताओं ने यह दिखा दिया है कि बिहार की राजनीति में अब चिराग पासवान ही एलजेपी की असली पहचान बनकर उभर रहे हैं।

Chirag Paswan Success Journey: राजनीति में आने से पहले का सफर
बहुत कम लोग जानते हैं कि चिराग पासवान ने राजनीति में कदम रखने से पहले फिल्मी दुनिया में अपनी किस्मत आजमाई थी। साल 2011 में उन्होंने ‘मिले ना मिले हम’ फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया। 2014 में चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान को एनडीए में फिर शामिल होने के लिए मनाया, और इसी चुनाव में वे जमुई से सांसद चुने गए। 2019 में भी वे वहीं से जीते। इसके बाद 2024 में उन्होंने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की और केंद्रीय मंत्री बने।
भविष्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका
42 साल के चिराग पासवान आज एक युवा, ऊर्जावान और महत्वाकांक्षी नेता के रूप में देखे जा रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले 2030 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।अपनी पार्टी को मजबूती देने के साथ-साथ वे एनडीए में भी एक प्रमुख चेहरा बनते जा रहे हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता और चुनावी रणनीतियाँ उन्हें बिहार की राजनीति में लंबे समय तक प्रभावशाली बनाए रख सकती हैं।
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