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दहेज में 11 लाख रुपये लेने से इनकार करने वाले राजस्थान के इस जवान ने पेश की एक अनोखी मिसाल

समाज आज से ही नहीं बल्कि बहुत पहले से ही दहेज लोभी है। बहुत सारी बहुएं आज भी ऐसी हैं जिन्हें दहेज की वजह से अपने ससुराल में बलिदेवी पर चढ़ा दिया जाता है।

12:38 PM Nov 15, 2019 IST | Desk Team

समाज आज से ही नहीं बल्कि बहुत पहले से ही दहेज लोभी है। बहुत सारी बहुएं आज भी ऐसी हैं जिन्हें दहेज की वजह से अपने ससुराल में बलिदेवी पर चढ़ा दिया जाता है।

समाज आज से ही नहीं बल्कि बहुत पहले से ही दहेज लोभी है। बहुत सारी बहुएं आज भी ऐसी हैं जिन्हें दहेज की वजह से अपने ससुराल में बलिदेवी पर चढ़ा दिया जाता है। ऐसे में दहेज प्रथा के पीछे छिड़ी जंग में राजस्थान में सीआईएसएफ के एक जवान ने बिना दहेज शादी करके एक बेहद शानदार मिसाल पेश की है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस राजस्थान के दूल्हे ने 11 लाख रुपए के दहेज से भरे हुए थाल को विनम्रता से लौटा दिया है। 
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दूल्हे ने शगुन के तौर पर सिर्फ  11 रुपए लेकर शादी के बंधन में बंधा है। दूल्हा सीआईएसएफ में कॉन्सटेबल के पद पर तैनात है उनकी तैनाती छत्तीसगढ़ में है। अब इस वाकये की हर ओर तरीफें हो रही हैं। लोग दूल्हे के इस कदम की खूब प्रशंसा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कॉन्सटेबल जितेंद्र सिंह की शादी गोविंद सिंह की बेटी चंचल से तय थी। शादी के दिन बारात जयपुर के अंबावाड़ी गई। 
शादी की रस्में निभाई जा रही थी सबकुछ ठीक ढंग से चल रहा था कि दुल्हन के घर की ओर से दहेज में 11 लाख रुपए से भरा हुआ थाल दूल्हे जितेन्द्र को दिया गया। थाल पकडऩे की बजाय जितेन्द्र ने उसे लेकर देने के लिए वहां खड़े अपने ससुर के सामने दोनों हाथ जोड़ लिए। इससे वहां खड़े सभी लोग परेशान हो गए। हर किसी को लगा कि दूल्हा सरकारी नौकरी में है तो कहीं ऐसा तो नहीं कि वह दहेज में ज्यादा राशि के लिए नाराज हो गया है। 
इस दौरान वहां यह भी बातचीत होने लगी कि बारात स्वागत में जरा कोई कमी तो नहीं रह गई। जिससे वह ऐसे नाराज हो गए है,मगर जितेंद्र के मन में तो कुछ और ही चल रहा था। जी हां मान-मनौव्वल का दौरा शुरू होने पर जितेंद्र ने खुद को दहेज का विरोधी बताते हुए रुपयों से भरा हुआ थाल वापस लौटा दिया। तब जाकर सभी को यह मामला समझ आया। काफी समझाने के  बाद भी जितेंद्र ने शगुन के तौर पर महज 11 रुपए और नारियल लेना स्वीकार किया साथ ही शादी की अन्य रस्में अच्छे से पूरी की। 
क्या कहा दूल्हे ने…
जितेंद्र ने कहा कि उसे जब पता लगा कि उसकी होने वाली पत्नी ने एलएलबी करी हुई है और अभी वह पीएचडी कर रही है तभी यह तय कर लिया था कि शादी में दहेज नहीं लूंगा। क्योंकि पत्नी पैसे से बढ़कर है। इतना ही नहीं जितेंद्र ने पत्नी के न्यायिक सेवा की तैयारी करने की भी जानकारी दी और बताया कि जब वह जज बनकर न्याय करेगी। तब वह दहेज की रकम से भी बढ़कर होगा। वैसे जितेंद्र का ऐसा काम करना सभी को बहुत पंसद आया है जिस वजह से अब हर जगह उनके इस नेक काम की खूब तारीफें हो रही हैं। 
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