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राजनाथ सिंह ने बुधवार को विपक्षी दलों पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के बारे में मुस्लिम समुदाय में भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाला किसी भी मुसलमान की नागरिकता नहीं जाएगी। गाजियाबाद में पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार अतुल गर्ग के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा जाति, पंथ और धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करती, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए दृढ़ है।
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उन्होंने कहा कि हमने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम एक नागरिकता कानून बनाएंगे। और मैं आपको बताना चाहता हूं कि 2014 में गृह मंत्री बनने के बाद मैंने प्रधानमंत्री से बात करके यह प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं होने के कारण यह विधेयक वहां पारित नहीं हो सका था, जबकि लोकसभा में यह पारित हो गया था। बाद में जब अमित शाह गृह मंत्री बने तो उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और विधेयक संसद के दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत से पारित हुआ।
नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन के नियमों को इस साल मार्च में अधिसूचित किया गया था। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि अब विपक्ष के लोग हमारे मुस्लिम भाइयों के बीच यह भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि आपको देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। मैं अपने मुस्लिम भाइयों से कहना चाहता हूं कि बेफिक्र रहें हम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा में विश्वास करते हैं। चाहे कोई किसी भी जाति या पंथ में जन्मा हो या किसी भी धर्म या संप्रदाय का अनुयायी हो, हम सभी को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि बहनों और भाइयों, जो भी मुसलमान भारत में रह रहा है, उसकी नागरिकता नहीं जाएगी। हमारे विरोधी इस तरह का भ्रम पैदा कर रहे हैं।