'कुछ कहना नहीं चाहता वरना...' CJI गवई को है सोशल मीडिया का डर, ED पर बोलते-बोलते बीच में रुके
CJI BR Gavai: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (TASMAC) से जुड़े ₹1,000 करोड़ के घोटाले की जांच के लिए एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) को फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने मंगलवार, 14 अक्टूबर, 2025 को सुनवाई के दौरान ED के काम पर सवाल उठाए। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया के बारे में भी बोला, जिससे पता चलता है कि सीजेआई को भी सोशल मीडिया से डर है।
CJI BR Gavai: ED की जांच से कोर्ट की नाराजगी
कोर्ट ने कहा, "क्या राज्य पुलिस इस मामले की जांच नहीं कर सकती थी? क्या ED का सीधा दखल पुलिस की शक्तियों में दखल नहीं है?" कोर्ट ने पूछा, "क्या सेंट्रल एजेंसियों के ऐसे काम फेडरल स्ट्रक्चर को नुकसान नहीं पहुंचा सकते?" CJI बी.आर. गवई ने कहा, "मैंने पिछले छह सालों में ED की कई जांचें देखी हैं, लेकिन मैं इस पर कोई कमेंट नहीं करूंगा क्योंकि यह सोशल मीडिया पर बहस का टॉपिक बन जाएगा।" एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.के. वी. राजू ने कहा कि सोशल मीडिया पर ED के पक्ष में बहुत कम कहा जाता है, और यह उनकी शिकायत है।
BR Gavai Statement: TASMAC ने ED की कार्रवाई पर आपत्ति जताई
TASMAC की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि रेड की जरूरत नहीं थी, क्योंकि TASMAC ने खुद ही कार्रवाई का आदेश दिया था। उन्होंने सवाल किया कि किसी सरकारी संगठन के ऑफिस पर ऐसी रेड कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ED ने मैनेजिंग डायरेक्टर्स के घरों पर भी रेड की और कंप्यूटर समेत कई इक्विपमेंट जब्त किए, जो बहुत चौंकाने वाला है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि FIR फाइल होने के बाद, ED की ECIR भी जल्दी फाइल कर दी गई, जबकि केस कुछ ही समय में सुलझ सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ED के पास कोई पक्की जानकारी होती, तो उसे राज्य पुलिस के साथ शेयर किया जा सकता था।
Supreme Court News: ED का स्टैंड
ASG एसवी राजू ने तर्क दिया कि TASMAC में बड़े पैमाने पर करप्शन हुआ है, और इस मामले में अब तक 47 FIR फाइल की जा चुकी हैं। हालांकि, कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि इनमें से ज़्यादातर FIR पहले ही बंद हो चुकी थीं।
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