'जाओ अपने भगवान विष्णु से बोलो कुछ करे..', CJI गवई की विवादित टिप्पणई पर भड़के हिंदू
CJI Religious Remark: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खजुराहो के विश्व धरोहर मंदिर परिसर के अंतर्गत आने वाले जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का विषय है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई गवई ने एक विवादित टिप्पणी कर दी, जिसके बाद हिंदू भड़क गए हैं।
CJI Religious Remark: जाओ अपने भगवान से बोलो...
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ता से दो टूक शब्दों में कहा कि यदि वह भगवान विष्णु के सच्चे भक्त हैं, तो उन्हें प्रार्थना करनी चाहिए न कि कोर्ट का दरवाजा खटखटाना। सीजेआई गवई ने टिप्पणी करते हुए कहा, "जाओ और अपने भगवान से ही कुछ करने के लिए कहो। तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो। तो जाओ और अभी प्रार्थना करो। यह एक पुरातात्विक स्थल है और एएसआई को अनुमति वगैरह देनी होगी। माफ कीजिए।"
Khajuraho Temples: टूटी मूर्ती की मरम्मत के लिए SC पहुंचा भक्त
यह याचिका राकेश दलाल की ओर से दाखिल की गई थी, जिसमें दावा किया गया कि मुगल आक्रमणों के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया था और पिछले कई वर्षों से मूर्ति उसी टूटी अवस्था में है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता के बाद भी सरकार ने इस मुद्दे को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष मूर्ति की तस्वीर पेश करते हुए बताया कि भगवान विष्णु की मूर्ति का सिर पूरी तरह से टूट चुका है और इसकी मरम्मत या पुनर्निर्माण आवश्यक है।
Khajuraho Temples: ASI का तर्क
इसके अलावा याचिका में यह तर्क भी दिया गया कि मूर्ति को पुनः स्थापित न करना, श्रद्धालुओं के पूजा करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में बताया गया कि इस मुद्दे पर कई बार ज्ञापन और प्रदर्शन किए गए, लेकिन कोई प्रभावी प्रतिक्रिया नहीं मिली।
हालांकि, ASI की ओर से बताया गया कि खजुराहो मंदिरों का संरक्षण पुरातत्व विभाग की जिम्मेदारी है और संरक्षण के नियमों के तहत प्राचीन मूर्तियों को हटाकर नई मूर्तियों को स्थापित करना उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
CJI Gavai Controversy: सोशल मीडिया पर भड़के हिंदू
सीजेआई की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एडवोकेट विनीत जिंदल नाम के एक यूज़र ने सीजेआई को पत्र लिखकर उनसे अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की है। वहीं कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या सीजेआई ऐसी टिप्पणी किसी औपर धर्म के लिए दे सकते हैं।
ये भी पढ़ें- सबका साथ-सबकी सेवा से लेकर AI शुभकामना रील तक, PM Modi के जन्मदिन पर सेवा पर्व शुरू, जानें क्या है ये अभियान