टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

नई कर व्यवस्था पर सरकार ने दी सफाई

केंद्र के मुताबिक कम दर से कर देने के लिए विदेशी निवेशकों के पास कॉरपोरेट कंपनी के रूप में खुद को बदलने का विकल्प भी है।

07:19 AM Jul 10, 2019 IST | Desk Team

केंद्र के मुताबिक कम दर से कर देने के लिए विदेशी निवेशकों के पास कॉरपोरेट कंपनी के रूप में खुद को बदलने का विकल्प भी है।

नई दिल्ली : नयी कर व्यवस्था को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की कड़ी आलोचनाओं को सामना कर रही केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि अमीर व्यक्तियों पर अधिक कर लगाये जाने का लक्ष्य एफपीआई को निशाना बनाना नहीं है। केंद्र के मुताबिक कम दर से कर देने के लिए विदेशी निवेशकों के पास कॉरपोरेट कंपनी के रूप में खुद को बदलने का विकल्प भी है। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच जुलाई को अपने पहले बजट भाषण में अत्यधिक अमीर लोगों द्वारा दिये जाने वाले आयकर पर अधिभार को बढ़ा दिया था। हालांकि, 40 प्रतिशत एफपीआई स्वतः उच्च कर दर वाले स्लैब में आ गए हैं क्योंकि वे न्यास या व्यक्तियों के संघ (एओपी) जैसी गैर-कॉरपोरेट संस्थाओं के रूप में निवेश करते रहे हैं। आयकर कानून के मुताबिक इन्हें कराघात के लिए व्यक्ति के तौर पर ही वर्गीकृत किया गया है। सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘ऐसी तस्वीर पेश की जा रही है कि सरकार ने केवल एफपीआई पर अधिभार में वृद्धि कर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को निशाने पर लिया है। यह पूरी तरह गलत है। 
सभी अमीर व्यक्तियों एवं गैर-कॉरपोरेट संस्थाओं पर अधिभार में वृद्धि किया गया है, चाहे वह घरेलू निवेशक हों या विदेशी, एफपीआई या एफआईआई। कंपनियों के लिए अधिभार नहीं बढ़ाया गया है, चाहे वे घरेलू हों या विदेशी।’ सीतारमण ने अपने बजट प्रस्ताव में दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये की सालाना आमदनी वाले व्यक्तियों पर अधिभार को 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा पांच करोड़ रुपये से अधिक की कमाई वालों पर अधिभार में वृद्धि कर 37 फीसदी कर दिया गया है। 
इससे इन दोनों समूहों के लिए प्रभावी कर 39 प्रतिशत और 42.74 प्रतिशत हो गया है। सूत्र ने कहा कि सभी तरह की व्यक्तिगत आय पर अधिभार में वृद्धि की गयी है, चाहे वह आमदनी वेतन के जरिए प्राप्त हो या बचत, ब्याज, म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार या भविष्य एवं विकल्प खंड में कारोबार या किसी अन्य माध्यम के जरिए।
Advertisement
Advertisement
Next Article