सोशल मीडिया पर वायरल खुल्ले खत को लेकर सीएम कैप्टन गंभीर, जांच करवाई शुरु
राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नाम कुछ समय पहले एक समाजसेवी भाई परमजीत सिंह कैरे द्वारा सोशल मीडिया के जरिए खुली चिट्ठी के रूप में
लुधियाना-बरनाला : राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नाम कुछ समय पहले एक समाजसेवी भाई परमजीत सिंह कैरे द्वारा सोशल मीडिया के जरिए खुली चिट्ठी के रूप में वायरल किए गए एक संदेश मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाई है। उसके आधार पर तथ्यों की पड़ताल करने के लिए जिला पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने भाई कैरे के ब्यान कलमबंद कर लिए हैं। गौरतलब हो कि इस समाजसेवी ने सीएम कार्याल्य से पुलिस को प्राप्त हुए पत्र का नंबर भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।
समाजसेवी भाई परमजीत सिंह कैरे, युनाइटिड सिक्ख पार्टी के जिला प्रधान और बाबा जीवन सिंह स्टूडैंट लीग (पंजाब) संगठन के संरक्षक हैं। जिसने पुलिस को दर्ज कराए बयान में बताया कि उसने कालेज प्रशासन व प्रबंधकीय समिति के खिलाफ किसी लालच से भूख हड़ताल शुरू नहीं की, बल्कि कालेज प्रशास्न के अडिय़ल रैवइए ने उसे मरण व्रत शुरु करने पर विवश किया था। लोकल मीडिया पर दबाव होने के कारण उसने विद्यार्थी संघर्ष की आवाज मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंचाने को सोशल मीडिया का सहारा लिया था।
यह था मामला : –
2018 सेशन शुरु होने के वक्त एस.डी. कालेज के प्रबंधकों एवं दलित समाज के विद्यार्थियों के बीच दाखिला फीसें लेने को लेकर विवाद हुआ था। विद्यार्थी सडक़ों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हुए थे। मामला गंभीर होते देख कालेज प्रबंधकीय समिति द्वारा प्रदर्शनकारी छात्रों की फीसें तो माफ कर दी थी, लेकिन उन चार विद्यार्थियों को निशाने पर ले लिया था, जिन्होंने विद्यार्थियों को एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत अधिकार दिलाने के लिए प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। कालेज के महासचिव द्वारा चारों विद्यार्थियों को सस्पेंड करने का फैसला लिया गया। उक्त फरमान कालेज प्रिंसिपल समूह कालेज विद्यार्थियों की हाजरी में सुनाया। उसके बाद दलित समाज ने इकठ्ठे होना शुरू किया। जिन्होंने नौजवान समाजसेवी परमजीत सिंह कैरे से संपर्क किया।
दलित छात्रों को सस्पेंड करने के विरोध में भाई कैरे ने पहले भूख हड़ताल शुरु की, चार दिन बीतने पर कोई असर ना होता देख 1 अक्तूबर को मरणव्रत शुरु कर दिया था। उसके भी पांच दिन बीतने पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर भाई कैरे ने कालेज प्रबंध कमेटी महासचिव के खिलाफ घोटाले करने समेत कई गंभीर आरोप लगा मुख्यमंत्री के नाम खुल्ली चि_ी लिखी। अपील की कि कालेज के प्रबंधकीय कमेटी महासचिव की पृष्टभूमि की जांच तथा कालेज में हुए घोटालों की सीबीआई से जांच करवाई जाए और कालेज की प्रबंधकीय कमेटी को बर्खास्त कर वहां एडमनिस्ट्रेटर तैनात किया जाए। कालेज को सरकारी हाथ में लिया जाए।
पत्र द्वारा यह किया था खुल्लासा : –
बरनाला में स्थापित एस.डी कालेज की इमारत की जगह पर पुराने समय में यज्ञशाला थी। जहां ऋषि-मुनि, साधू-संत तप-यज्ञ व पूजा पाठ करते रहे हैं। समय की जरूरत को मुख्य रखते हुए तत्कालीन सरकार ने समाजसेवी/धार्मिक संगठनों व सनातन धर्म से जुड़े शहरवासियों की रजामंदी लेकर उक्त धार्मिक जगह पर शिक्षा संस्थान बनवा इलाकावासियों के सुपुर्द कर दिया था। लेकिन बाद में इस संस्थान की प्रबंधकीय कमेटी में किसी तरह घुसकर भू-माफिया ने अपना कब्जा जमा लिया। जिनका सनातन धर्म के साथ दूर का भी वास्ता नहीं था। उन्होंने वकालत का डरावा दे लोगों व सरकारों को गुमराह किया। कालेज प्रबंध समिति के महासचिव ने लगभग 34-35 सालों से कालेज समिति कब्जा कर रखा है।
कालेज समिति के खिलाफ पुलिस की तरफ से ठगी की विभिन्न धाराओं 406/420/467/468/471/109/120-बी आईपीसी अधीन 20/6/2003 को एफआईआर नंबर 237 दर्ज हो चुकी है। कालेज प्रबंधकीय कमेटी द्वारा कई साल से वार्षिक चुनाव नहीं करवाया गया। एस.डी.कालेज की इमारत में बने स्टेट बैंक में अग्नि भेंट हुए रिकार्ड की जांच नहीं करवाई गई। कालेज का पिछले 35 सालों का रिकार्ड सार्वजनिक नहीं किया गया।
– रीना अरोड़ा