CM धामी ने मंगल दल प्रतिनिधियों से की मुलाकात, प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की घोषणा
CM धामी ने मंगल दलों के लिए नई योजनाएं पेश की
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगल दलों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 5000 रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने मंगल दलों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु नीति बनाने और डिजिटल मिशन के तहत प्रशिक्षण देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने मंगल दलों की समाज सेवा और आपदा प्रबंधन में भूमिका की सराहना की।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आवास में प्रदेश भर से आए युवक एवं महिला मंगल दलों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। इस दौरान CM धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि मंगल दलों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि चार हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये की जाएगी। मंगल दलों को आत्मनिर्भर बनाने और ऋण सुविधा प्रदान करने के लिए नीति बनाई जाएगी। साथ ही डिजिटल मिशन के तहत मंगल दलों को प्रशिक्षित किया जाएगा। CM धामी ने समाज सेवा, संस्कृति संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में मंगल दलों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मंगल दल उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आपदाओं के दौरान मंगल दल ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका निभाते हैं और जन जागरूकता अभियानों में भी सबसे आगे रहते हैं।
मुख्य सेवक सदन में आयोजित “मुख्य सेवक संवाद” कार्यक्रम के अंतर्गत महिला मंगल दलों और युवक मंगल दलों के प्रतिनिधियों से संवाद कर उनके विचारों को सुना। इस अवसर पर युवक और महिला मंगल दलों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,000 करने और आवश्यक सूचनाएं समय पर… pic.twitter.com/Xifukfqdz7
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 15, 2025
CM धामी ने कहा कि राज्य सरकार मंगल दलों को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। मंगल दलों को स्वरोजगार के लिए 50 हजार से लेकर 3.5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही युवा मंगल दल स्वावलंबन योजना के तहत 5 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री ग्रामीण खेल एवं स्वास्थ्य संवर्धन योजना के तहत 2 करोड़ रुपये से अधिक और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
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CM धामी ने बताया कि मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत 10 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है। युवाओं के तकनीकी एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत 21 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार लोक संस्कृति के संवर्धन के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है और स्थानीय मेलों एवं महोत्सवों के आयोजन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।