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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Kejriwal) ने आबकारी नीति मामले से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ताजा समन का जवाब देते हुए कहा है कि वह 12 मार्च के बाद वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एजेंसी के सामने पेश होने को तैयार हैं। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले भी केजरीवाल को कई समन जारी किए थे, लेकिन उन्होंने इन समन को अवैध बताया था और वह केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। उन्होंने एजेंसी से कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय को समन जारी करने से पहले इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने दोहराया कि समन अवैध हैं लेकिन फिर भी वह जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। अरविन्द केजरीवाल को 16 मार्च को शहर की एक अदालत के सामने भी पेश होना है। अदालत ने समन को नजरअंदाज करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एक शिकायत के मामले में केजरीवाल से व्यक्तिगक रूप से पेश होने को कहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री को नया समन सातवें समन के बाद आया है, जिसे उन्होंने 26 फरवरी को नहीं भेजा था। केजरीवाल ने अब तक ED द्वारा 26 फरवरी, 19 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर और 22 दिसंबर को जारी किए गए सात पिछले समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हुए नजरअंदाज कर दिया है। ईडी इस मामले में नीति निर्माण, इसे अंतिम रूप देने से पहले हुई बैठकों और रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे मुद्दों पर केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहता है। ED द्वारा जारी सातवें समन को नजरअंदाज करते हुए आप ने एक बयान में इसे अवैध करार देते हुए कहा कि ED को समन भेजना बंद कर देना चाहिए और अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए क्योंकि जांच एजेंसी पहले ही इस मामले पर अदालत का दरवाजा खटखटा चुकी है।