Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

CM केजरीवाल का एलान- कार्यालय में अंबेडकर और भगत सिंह की लगेंगी तस्वीरें, जानें इसके पीछे के सभी समीकरण

दिल्ली सचिवालय पर आज दिल्ली सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ध्वजारोहण के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने संबोधित भी किया।

04:12 PM Jan 25, 2022 IST | Desk Team

दिल्ली सचिवालय पर आज दिल्ली सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ध्वजारोहण के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने संबोधित भी किया।

दिल्ली सचिवालय पर आज दिल्ली सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ध्वजारोहण के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने संबोधित भी किया। केजरीवाल ने अपने संबोधन में दिल्ली में कोरोना की मौजूदा स्थिति से लेकर सरकार के कामकाज का ब्योरा दिया। उन्होंने अपने पूरे भाषण में बाबा साहब अंबेडकर  और भगत सिंह  के विचारों और उनके जीवन के बारे में बात की।
Advertisement
केजरीवाल का नया पैंतरा
दरअसल पंजाब विधानसभा चुनाव में दलित वोटों का अहम रोल है। ऐसे में हर राजनीतिक दल इन वोटों को अपने पाले में करने की जुगत में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने दलित वोटों को साधने के लिए दिल्ली के सरकारी कार्यालयों में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की फोटो लगाने की बात की है।
पंजाब में दलित वोटों का प्रभाव
2011 की जनगणना के मुताबिक पंजाब की आबादी 27 करोड़ से अधिक है। इसमें जाट सिखों की संख्या 25 प्रतिशत है। वहीं दलितों की आबादी 32 प्रतिशत(लगभग 3 करोड़) है। राज्य की राजनीति में इनका अच्छा दबदबा भी माना जाता है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने नया दांव चलते हुए दिल्ली से पंजाब पर निशाना साधा है।
दलितों का इतनी सीटों पर दबदबा
बता दें कि राज्य में दलितों के राजनीतिक असर को देखें तो पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में 50 सीटें ऐसी हैं जहां पर दलितों का वोट काफी अहमियत रखता है। ऐसे में हर दल इस वोट बैंक को पाने की जुगत में हैं।
सभी दलों की नजर दलित वोट पर
 पंजाब में दलित वोटों की राजनीतिक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल अप्रैल में ही बीजेपी ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाएंगे। वहीं कांग्रेस भी चरणजीत चन्नी को सीएम बनाकर आगामी चुनाव को लेकर दलितों को रिझाने में लगी हुई है।
बसपा के साथ गठबंधन
 इतना ही नहीं शिरोमणि अकाली दल भी इस मामले में पीछे नहीं है। कभी भाजपा के साथ गठबंधन का हिस्सा रही अकाली दल 2022 विधानसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। शिअद का दावा है कि वो बसपा के साथ राज्य में बहुमत की सरकार बनाएगी।
पिछले विधानसभा चुनाव का हाल
 दरअसल पंजाब की 34 विधानसभा सीटें अनुसूचित जातियों के लिए रिजर्व हैं। इनमें भठिंडा ग्रामीण, करतारपुर, अमृतसर वेस्ट, जालंधर वेस्ट और अटारी भी शामिल हैं। साल 2017 हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अधिक 21 सीटें अनुसूचित जाति की मिली थीं। वहीं आप के खाते में 9, अकाली दल 3 और बीजेपी के हिस्से में एक सीट आई थी।
केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह से प्रेरित हूं
पंजाब के पूरे समीकरण को देखते हुए माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने सिखों और दलित हिंदुओं को ध्यान में रखकर अपना दांव चला है। केजरीवाल ने कहा कि आजादी दिलाने में जिन लोगों ने योगदान दिया उसमें मुझे सबसे अधिक बाबा साहेब और भगत सिंह ने प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर बाबा साहेब के सपने को दिल्ली सरकार पूरा कर रही है। दिल्ली सरकार पिछले साल से यही काम कर रही है। उन्होंने यह बातें दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को आयोजित समारोह में कहीं।
इन सबके अलावा दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि दिल्ली विधानसभा परिसर के पास जलियांवाला बाग म्यूरल के पास ग्रीन रूम की छत पर 18 फीट लंब और छह फीट चौड़ा एक दीवार पर ‘इंकलाब जिंदाबाद’ नारा लिखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक फाइवर की सीट पर लिखे जाने वाले इस नारे को लगाने में करीब 9 लाख की लागत आएगी। बता दें कि पिछले साल दिल्ली विधानसभा पर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र स्थापित किया गया था।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर उप राष्ट्रपति ने दिया बयान, अगले लोकसभा चुनाव में कम से कम 75 % होना चाहिए मतदान

Advertisement
Next Article