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CM Mamata Banerjee ने झारखंड सीएम को किया फोन, बाढ़ की स्थिति पर की चर्चा

05:58 PM Aug 04, 2024 IST | Pannelal Gupta

CM Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से तेनुघाट बांध से पानी छोड़े जाने के कारण बंगाल में आई 'बाढ़ की स्थिति' पर फोन पर बात की।

Highlights

CM Mamata Banerjee ने पोस्ट के जरिए दी जानकारी

सीएम ममता बनर्जी(CM Mamata Banerjee) ने एक्स पर पोस्ट किया, अभी मैंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। मैंने उनके साथ तेनुघाट बांध से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के मसले पर चर्चा की, जिससे बंगाल में बाढ़ आ गई है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि उन्होंने सीएम सोरेन को बताया कि झारखंड का पानी बंगाल में बाढ़ ला रहा है। उन्होंने दावा किया कि यह स्थिति मानव जनित है। उन्होंने सीएम सोरेन से इस मामले पर गौर करने की अपील की है।

ममता बनर्जी ने आपदा को लेकर सभी जिलाधिकारियों से की बात

ममता बनर्जी(CM Mamata Banerjee) ने कहा, मैं इस बीच स्थिति पर नजर रख रही हूं और दक्षिण बंगाल के साथ-साथ उत्तर बंगाल के सभी संबंधित जिलाधिकारियों से बात की है। मैंने जिलाधिकारियों से विशेष रूप से सतर्क रहने और अगले तीन-चार दिन में आपदा की स्थिति का उचित ध्यान रखने को कहा है। मैंने उनसे सभी एहतियाती कदम उठाने को कहा है ताकि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।

अलपन बनर्जी ने बाढ़ जैसी स्थिति के लिए DVC को ठहराया जिम्मेदार

बता दें कि शनिवार को सीएम ममता बनर्जी(CM Mamata Banerjee) के मुख्य सलाहकार अलपन बनर्जी ने राज्य के विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसी मौजूदा स्थिति के लिए दामोदर घाटी निगम (DVC) को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया था कि डीवीसी ने राज्य सरकार से पहले बात किए बिना एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया।

DVC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राज्य सरकार के आरोप का किया खंडन

हालांकि, नाम न बताने की शर्त पर डीवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राज्य सरकार से विचार-विमर्श किए बिना पानी छोड़ने के आरोप का खंडन किया। साथ ही कहा था कि नदी नियामक समिति में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के प्रतिनिधि होते हैं। डीवीसी अधिकारी ने कहा था कि समिति वर्षा के पूर्वानुमान के आधार पर निर्णय लेती है, तथा बांधों की जल धारण क्षमता और वहां किस हद तक जल आरक्षित किया जा सकता है, जैसे विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद पानी छोड़ा जाता है।

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