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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य विधान परिषद में फिर से मनोनयन के लिए मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। नीतीश ने लगातार चौथी बार विधान परिषद की सदस्यता के लिए नामांकन दाखिल किया है। उन्होंने सत्तारूढ़ उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा तथा जद (यू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह समेत राजग नेताओं की की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
कुमार के अलावा, उनके कैबिनेट सहयोगी संतोष सुमन और जदयू एमएलसी खालिद अनवर ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर सुमन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी भी उपस्थित थे। निर्वाचन आयोग ने राज्य विधान परिषद की 11 सीटों के द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा की है जिनका कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है। इनमें से चार पर जद (यू) का कब्जा था, हालांकि विधानसभा में उसका संख्या बल कम होने के बाद पार्टी ने दो सीटों पर अपना दावा छोड़ दिया है।
कुमार और अनवर के अलावा, जद (यू) के जिन लोगों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, उनमें संजय कुमार झा हैं, जो हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। इनमें रामेश्वर महतो भी हैं जो इस बार उम्मीदवार नहीं हैं। भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, हालांकि सम्राट चौधरी, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, ने कहा, हम चार सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, एक सीट अपने सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) के लिए छोड़ेंगे।
जिन सीटों पर चुनाव की घोषणा हुई है उनमें से तीन पर भाजपा के सदस्य थे। शेष सीटों में से दो पर राजद की राबड़ी देवी (पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विधान परिषद में विपक्ष की नेता) और राम चंद्र पूर्वे हैं। पूर्वे उच्च सदन के उप सभापति हैं। एक सीट कांग्रेस के प्रेम चंद्र मिश्रा के पास है। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 11 मार्च को समाप्त होगी और नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 14 मार्च निर्धारित की गई है। मतदान 21 मार्च को होना है।