CM योगी आदित्यनाथ ने की हाथरस मामले की CBI जांच की सिफारिश
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़ित की मौत के बाद मचे सियासी घमासान के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश की है।
11:19 PM Oct 03, 2020 IST | Shera Rajput
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़ित की मौत के बाद मचे सियासी घमासान के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सूबे के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने शनिवार को पीड़ित के परिजनो से मुलाकात की थी जिसके बाद देर शाम श्री योगी ने उच्चस्तरीय बैठक में मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की।
उधर, पीड़ित के भाई भाभी ने सीबीआई जांच के सरकार के फैसले से असंतुष्टि जतायी। उनका कहना था कि परिवार ने कभी भी सीबीआई जांच की मांग नहीं की क्योंकि परिवार को सरकारी एजेंसी पर भरोसा नहीं है। उन्होने कहा कि परिवार चाहता है कि मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से करायी जाये।
गौरतलब है कि हाथरस के चंदपा क्षेत्र में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और मारपीट की घटना हुयी थी। हमले में लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गयी थी। लड़की को पहले स्थानीय अस्पताल फिर अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। हालत की गंभीरता को भांपते हुये उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गयी।
बवाल की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने 30 सितम्बर को तड़के करीब ढाई बजे पीड़ित के शव का अंतिम संस्कार परिजनों के विरोध के बावजूद गांव के बाहर शमसान में करा दिया था। इस घटना के बाद प्रदेश में राजनीतिक उबाल आ गया और सपा,बसपा और कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में सरकार से घटना की रिपोर्ट तलब की।
सरकार ने मामले की जांच के लिये तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था जिसकी पहली रिपोर्ट के आधार पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया हालांकि जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर परिजनो ने बदसलूकी का आरोप लगाया मगर उनके खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित के पिता से वीडियो कालिंग के जरिये बातचीत की और उन्हे न्याय का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने आर्थिक मदद की रकम दस लाख से बढाकर 25 लाख रूपये कर दी जबकि पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और डूडा के तहत एक आवास दिलाने का ऐलान किया था।
इस बीच राजनीतिक दलों के बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बीच जिला प्रशासन ने गांव को पुलिस के कड़ पहरे में कर दिया और मीडिया के प्रवेश को भी निषेध कर दिया। आरोप है कि जिला प्रशासन ने परिजनो समेत अन्य ग्रामीणों के फोन छीन लिये और जिलाधिकारी ने पीड़ित के ताऊ के साथ अभद्रता की। इस घटना पर भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती समेत अन्य नेताओं ने कडी भर्त्सना की। हालांकि आज पुलिस महानिदेशक और अपर मुख्य सचिव गृह के हाथरस दौरे से पहले मीडिया को गांव में जाने दिया गया।
Advertisement
Advertisement