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कोहली के प्रोटोकॉल तोड़ने को सीओए ने बताया अभिव्यक्ति की आजादी

कोहली के अपनी पसंद के साफ इजहार के बाद सीओए ने कहा है कि कप्तान एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं ऐसे में उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है।

08:08 AM Aug 02, 2019 IST | Desk Team

कोहली के अपनी पसंद के साफ इजहार के बाद सीओए ने कहा है कि कप्तान एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं ऐसे में उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है।

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच को लेकर जब आवेदन मांगे गए थे तब प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने साफ कहा था कि इस प्रक्रिया में कप्तान की भूमिका नहीं होगी। दूसरी तरफ, वेस्टइंडीज दौरे पर रवाना होने से पहले कप्तान विराट कोहली ने कोच पद के लिए अपनी पसंद को खुलेआम जाहिर कर दिया था और रवि शास्त्री का समर्थन किया था। कोहली के अपनी पसंद के साफ इजहार के बाद सीओए ने कहा है कि कप्तान एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं ऐसे में उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है। 
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सीओए के एक सदस्य ने कहा कि कोहली लोकतांत्रिक देश में रहते हैं और उन्हें बोलने से नहीं रोका जा सकता। जब उनसे पूछा गया कि क्या कप्तान का रवि शास्त्री के साथ अपने संबंधों के बारे में बात करना तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के लिए एक तरह का इशारा है? इस पर सीओए सदस्य ने कहा कि ऐसा नहीं है। सदस्य ने कहा कि यह उनका विचार है और उन्होंने इसे जाहिर किया है। 
यह लोकतांत्रिक देश है इसलिए हम किसी को कुछ भी कहने से नहीं रोक सकते। क्यों हर व्यक्ति का हर शब्द मायने रखता है? वह टीम के कप्तान हो सकते हैं, लेकिन सीएसी भी है और कोच की नियुक्ति को लेकर फैसला उसे लेना है। सदस्य ने कहा कि लोग इस देश में रह रहे हैं और आप हर किसी को उसकी बात रखने से नहीं रोक सकते। यह देखना होगा कि सीएसी कोहली के बयान को किस तरह से लेती है।
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