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Cold Prevention: सर्दी में बच्चों का ऐसे रखेंगे ख्याल, तो नहीं पड़ेंगे बीमार

12:38 PM Jan 14, 2024 IST | Aastha Paswan

Cold Prevention: ठंड का मौसम अपने साथ कई बिमारियां लेकर आता है जिस वजह से बच्चों को खास परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि इस मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखा जाए ताकि वे सर्दी और जुकाम जैसे इन्फेक्शन की चपेट में न आएं। जानें कैसे इन इन्फेक्शन से आप अपने बच्चों को बचा कर रख सकते हैं।

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Highlights

सर्दियों में खांसी जुकाम के मामले काफी बढ़ जाते हैं।

उत्तरी भारत में ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में सबसे अधिक परेशानी बच्चों को होती है। इम्यूनिटी कमजोर होने और लापरवाही की वजह से, वे आसानी से सर्दी और जुकाम जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। सर्दियों के मौसम में फ्लू और निमोनिया का खतरा भी काफी अधिक हो जाता है। ये सारी बीमारियां स्वांस प्रणाली से जुड़ी होती हैं, इस कारण से रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से बच्चों को बचाना काफी जरूरी होता है।

शरीर को गरम रखें

अक्सर बच्चों को ठंड लगने की वजह से, वे बुखार और खांसी-जुकाम का शिकार हो सकते हैं। कई बार बच्चे जुराब और टोपी नहीं पहनते, जिस वजह से उन्हें ठंड लग जाती इसलिए उन्हें ठीक से कपड़े पहना कर रखें।

आस-पास हाइजीन का ध्यान रखें

सर्दियों के मौसम में अक्सर बच्चे अपनी हाइजीन का ख्याल नहीं रखते। वे गंदे हाथों से अपने मुंह और नाक को छूते हैं, जिसके चलते वे आसानी से वायरस और बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए बच्चों को हाइजीन का महत्व समझाएं और हमेशा बाहर से आने के बाद अच्छे से साबुन से हाथों को धोने की सलाह दें और गंदे हाथों से मुंह न छूने दें।

हेल्दी डाइट दें

पोषक तत्वों की कमी की वजह से बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और वे बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए अपने बच्चों की डाइट का खास ख्याल रखें। उन्हें संतुलित आहार दें।

बीमार लोगों से दूर रखें

सर्दी और जुकाम ऐसी बीमारियां हैं, जो बीमार व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्तियों में फैल सकता है। ऐसे में बच्चे उनका आसान शिकार हो सकते हैं। इसलिए अपने बच्चों को बीमार व्यक्तियों के पास न जाने दें।

छींकते-खांसते वक्त मुंह ढकें

छींकते और खांसते वक्त हवा में मुंह और नाक से ड्रॉपलेट्स आते हैं, जिनकी वजह से इन्फेक्शन फैल सकता है। इसलिए बच्चों में आदत डालें कि हमेशा छींकते या खांसते वक्त अपने मुंह और नाक को रुमाल या कोहनी से ढकें, ताकि वायरस और बैक्टीरिया हवा में न फैलें।

डिहाईड्रेशन न होने दें

पानी की कमी की वजह से म्यूकस लाइनिंग मोटी होने लगती है, जिससे रेस्पिरेशन में तकलीफ हो सकती है और बलगम इकट्ठा हो सकता है।

इसलिए बच्चों को भरपूर मात्रा में पानी पिलाएं, ताकि म्यूकस की परत मोटी न हो।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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