Rana Sanga पर टिप्पणी: सपा सांसद की 'ओछी राजनीति' पर राजस्थान मंत्री का हमला
राणा सांगा पर टिप्पणी से सुमन की ‘उथली राजनीति’ उजागर: राठौर
राजस्थान के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा पर की गई टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे ‘ओछी राजनीति’ बताते हुए कहा कि ऐसे योद्धाओं के बलिदान के कारण ही आजादी मिली है। राठौर ने कहा कि लोग लोकतांत्रिक तरीके से ऐसी सोच को हराएंगे।
राजस्थान के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन की उस टिप्पणी की आलोचना की, जिसमें उन्होंने महापुरुष राणा सांगा के खिलाफ टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि सुमन ने अपनी “उथली राजनीति” को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी टिप्पणी की है। राठौर ने कहा कि सुमन को ऐसे योद्धाओं के बलिदान के कारण ही आजादी मिली है।
मंत्री ने एएनआई से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह अपनी ओछी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे योद्धाओं का अपमान कर रहे हैं। ऐसे योद्धाओं द्वारा किए गए बलिदानों के कारण ही वह स्वतंत्र रूप से बोल सकते हैं। उनकी वजह से ही हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज और लोकतंत्र जीवित है।” सुमन की टिप्पणी को “अपमानजनक” बताते हुए राठौर ने कहा कि लोग लोकतांत्रिक तरीके से ऐसी “ओछी सोच” को हराएंगे।
मंत्री ने कहा, “हालांकि, लोग लोकतांत्रिक तरीके से इसका जवाब देंगे और ऐसी उथली सोच को हराएंगे जो देश को नीचा दिखाना चाहती है और देश के योद्धाओं का अपमान करना चाहती है।” शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) लखनऊ के सदस्यों ने दलित सांसद रामजी लाल सुमन के राजपूत राजा राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर सपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) पर “गंदी राजनीति” करने का आरोप लगाते हुए उसकी कड़ी निंदा की थी। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “सपा अपने दलित नेताओं को आगे करके अपने राजनीतिक लाभ के लिए जो गंदी राजनीति कर रही है, यानी उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है, वह ठीक नहीं है। दलितों को उनकी सभी चालों से सावधान रहना चाहिए। आगरा में हुई घटना बेहद चिंताजनक है।” मायावती ने समाजवादी पार्टी की भी आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी समुदाय का अपमान करना गलत है।
उन्होंने कहा, “सपा द्वारा अपने हितों की पूर्ति के लिए किसी समुदाय को नीचा दिखाना उचित नहीं है। वे एक समुदाय की नकारात्मक छवि बनाते हैं जबकि दूसरे का पक्ष लेते हैं। यह व्यवहार समाज में शांति और सद्भाव को बाधित करेगा, जो स्वीकार्य नहीं है।” मायावती की टिप्पणी समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा 16वीं सदी के राजपूत राजा राणा सांगा पर दिए गए बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मुगल वंश के संस्थापक बाबर को लाने के लिए कथित तौर पर उन्हें “देशद्रोही” कहा था।
सुमन के बयान के बाद बुधवार को उत्तर प्रदेश के आगरा में उनके आवास पर हिंसा भड़क उठी, अज्ञात लोगों ने पथराव किया, खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए और बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। राणा सांगा, जिन्हें संग्राम सिंह प्रथम के नाम से भी जाना जाता है, 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक थे और अपनी बहादुरी और बलिदान के लिए जाने जाते हैं। सुमन के बयान की व्यापक रूप से आलोचना की गई है, जिसमें कई लोगों ने उनसे माफ़ी मांगने और उनके खिलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है।