बेंगलुरु में शुरू हुआ राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का 11वां भारतीय सम्मेलन, विभिन्न मुद्दों पर होनी है चर्चा
Commonwealth Parliamentary Association: राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के 11वें भारतीय क्षेत्रीय सम्मेलन की शुरुआत आज यानी 11 सितंबर को बेंगलुरु में हुई। इस सम्मेलन में देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया। हरियाणा विधानसभा की ओर से अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण और उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा ने प्रतिनिधित्व किया। बेंगलुरु पहुंचने पर दोनों नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
Commonwealth Parliamentary Association: एग्जिक्यूटिव कमेटी की बैठक में भागीदारी
सम्मेलन के पहले दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में एग्जिक्यूटिव कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में सम्मेलन की रूपरेखा और कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने भी इस बैठक में भाग लिया और अपने विचार साझा किए।
CPA: हरियाणा विधानसभा की सराहना
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हरियाणा विधानसभा द्वारा गुरुग्राम में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के सम्मेलन की सराहना की। उन्होंने इसे एक सफल और अनूठा प्रयास बताया। ओम बिरला ने कहा कि यह सम्मेलन हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण की दूरदर्शिता और प्रयासों से संभव हो सका। उन्होंने इसे देश में लोकतांत्रिक कार्यशैली को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम बताया।
नए मंत्रियों के लिए प्रशिक्षण का सुझाव
बैठक के दौरान हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सुझाव दिया कि पहली बार निर्वाचित होने वाले मंत्रियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। इससे उन्हें विधायी प्रक्रिया और संसदीय कार्यों को बेहतर ढंग से समझने का अवसर मिलेगा।
मीडिया कार्यशाला का उल्लेख
हरविन्द्र कल्याण ने हरियाणा विधानसभा द्वारा चंडीगढ़ में पत्रकारों के लिए आयोजित कार्यशाला का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य मीडिया को विधायी कार्यप्रणाली से अवगत कराना था। सम्मेलन में इस पहल की सराहना की गई और इसे एक अच्छा कदम बताया गया।
दल-बदल कानून समिति में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव
सम्मेलन में दल-बदल निरोधक कानून की समीक्षा समिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का सुझाव भी सामने आया। वर्तमान में इस समिति में चार सदस्य होते हैं, लेकिन इसे बढ़ाकर 10 से 12 करने की बात कही गई ताकि अधिक व्यापक विचार-विमर्श संभव हो सके।
13 सितंबर को होगा सम्मेलन का समापन
यह सम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा और 13 सितंबर को इसका समापन होगा। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिससे देश की संसदीय प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
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