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शायरी के जादूगर अकबर इलाहाबादी की रचनाएं

दुनिया की सच्चाईयों को बयां करती अकबर इलाहाबादी की शायरी

06:29 AM Feb 06, 2025 IST | Prachi Kumawat

दुनिया की सच्चाईयों को बयां करती अकबर इलाहाबादी की शायरी

शायरी के जादूगर अकबर इलाहाबादी की रचनाएं

“इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज़ है बेहद

अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता”

“हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम

वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती”

“हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना

हसीनों को भी कितना सहना है बिजली गिरा देना”

“दुनिया में हुआ दुनिया का तालाबगर नहीं हुआ

बाज़ार से गुज़रा हुआ हरिदार नहीं हुआ”

“माज़.हबी बख़्स माईन ने कि ही नहीं

फालतू अक्ल मुझमें थी ही नहीं”

“जो कहा मैंने ने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर

हंस के कहने लगा और आपको आता क्या है”

“रहता है इबादत में हमें मौत का ख़तरा

हम याद-ए-हुदा करते हैं, कर ले न खुदा याद”

“पैदा हुआ वकील तो शैतान ने कहा

लो आज हम भी साहिब-ए-औलाद हो जायेंगे”

“हंगामा है क्यूं बरपा थोड़ी सी जो पी ली है

डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है”

जीवन की कड़वी सच्चाइयां जो आपको कोई नहीं बताएगा

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Prachi Kumawat

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