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कांवड़ यात्रा के मद्देनजर उज्जैन में व्यापक तैयारियां , सुरक्षा के कड़े इंतजाम

01:27 AM Jul 12, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat
कांवड़ यात्रा के मद्देनजर उज्जैन में व्यापक तैयारियां   सुरक्षा के कड़े इंतजाम

भारतीय संस्कृति में श्रावण मास का विशेष महत्व है। शुक्रवार से इस पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में भगवान शिव की भक्ति में डूबे सैकड़ों कांवड़ यात्रियों ने अपनी यात्रा शुरू कर दी है। उज्जैन में श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और ओंकारेश्वर में श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए भक्त मां नर्मदा का जल लेकर पैदल यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। श्रावण मास में कांवड़ यात्रियों की भीड़ को देखते हुए इंदौर और उज्जैन में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

कांवड़ यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम

कांवड़ यात्री मां नर्मदा का जल लेकर लगभग 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में जल अर्पित करते हैं। यह यात्रा इंदौर से होकर गुजरती है, जिसके लिए प्रशासन ने रूट चिह्नित किए हैं और भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित किया है। खासकर सोमवार को प्राचीन मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष यातायात व्यवस्था लागू की जाएगी, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इंदौर के डीसीपी (यातायात) अरविंद तिवारी ने बताया, “श्रावण मास शुरू हो गया है और कांवड़ यात्री पैदल यात्रा कर उज्जैन पहुंच रहे हैं। हमने सभी महत्वपूर्ण मार्गों पर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की है। संबंधित थानों के पुलिस बल को तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। भीड़ के आधार पर डायवर्जन और ट्रैफिक नियंत्रण की योजना बनाई जाती है।

दुकानों पर बोर्ड पर सही नाम अनिवार्य

पिछले वर्षों की तरह इस बार भी व्यवस्थाएं सुचारू रहेंगी, ताकि यात्रियों को कोई समस्या न हो। सावन के इस पवित्र महीने में कांवड़ यात्रियों का उत्साह चरम पर है और हमारी कोशिश कांवड़ यात्रा को सफल बनाना है। वहीं, बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ ने कहा, “सावन भगवान शिव का महीना है। इस दौरान भक्त मां नर्मदा का जल लेकर उज्जैन में श्री महाकालेश्वर का अभिषेक करने पहुंचते हैं। प्रशासन को कांवड़ यात्रियों की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए। जिन जगहों से कांवड़ यात्रा निकालेगी, उस मार्ग में पड़ने वाली दुकानों के संचालकों की ओर से नाम से संबंधित बोर्ड लगाया जाना चाहिए। यदि इस दौरान किसी व्यक्ति ने गलत नाम का बोर्ड लगाया हो तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।

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