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जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों में विलय पर दिशानिर्देशों को लेकर जताई गई चिंता

द नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) में विलय से जुड़े रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण सहकारी रिण संस्थान ‘नष्ट’ हो जाएंगे।

11:02 PM May 26, 2021 IST | Shera Rajput

द नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) में विलय से जुड़े रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण सहकारी रिण संस्थान ‘नष्ट’ हो जाएंगे।

द नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) में विलय से जुड़े रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण सहकारी रिण संस्थान ‘नष्ट’ हो जाएंगे।
गौरतलब है कि 24 मई को भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि वह विभिन्न शर्तों के हिसाब से डीसीसीबी के एसटीसीबी में विलय पर विचार करेगी। इन शर्तों में संबंधित राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव देने की शर्त शामिल है।
एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने एक बयान में कहा, ‘यह अनुचित है और इससे देश में ग्रामीण सहकारी रिण संस्थान नष्ट हो जाएंगे और किसानों के लिए बहुत सारी कठिनाइयां पैदा होंगी।’
नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स के प्रबंध निदेशक बी सुबह्मण्यम ने कहा कि रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का उद्देश्य देश की त्रिस्तरीय रिण संरचना को अस्थिर और नष्ट करना है।
उन्होंने कहा, Òइस अधिसूचना की जरूरत नहीं थी और यह उकसावपूर्ण, उत्तेजित करने वाला और शरारतपूर्ण है।’
इससे पहले मार्च में जिला सहकारी बैंकों के एक राष्ट्रीय सम्मेलन में भी इस विलय का खुलकर विरोध किया गया था।
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