'हालात बहुत गंभीर', ICU में भर्ती सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया पर शेयर किया नंबर
ICU में सत्यपाल मलिक की भावुक अपील: सच बताना चाहता हूं
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक इन दिनों अपनी जिंदगी की सबसे मुश्किल लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें 11 मई को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और फिलहाल डायलिसिस पर हैं। उन्हें कुछ दिनों से आईसीयू में रखा गया है। उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। आज फिर उन्होंने ट्विटर पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया जिसमें उन्होंने लिखा, “स्थिति बहुत गंभीर है। संपर्क नंबर- 9610544972।”
हालात बहुत गंभीर।
संपर्क सूत्र- 96105 44972— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) June 8, 2025
‘मैं सच बताना चाहता हूं’
इससे पहले भी उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर अपने राजनीतिक सफर और आर्थिक हालात के बारे में खुलकर बताया था। सत्यपाल मलिक ने लिखा, “नमस्ते दोस्तों। मैं पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की समस्या से जूझ रहा हूं। परसों सुबह से मैं ठीक था, लेकिन आज फिर मुझे आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं अपने देशवासियों को सच बताना चाहता हूं, चाहे मैं जिंदा रहूं या नहीं।”
‘300 करोड़ की पेशकश की गई’
उन्होंने आगे लिखा, “जब मैं राज्यपाल के पद पर था, तब मुझे भी 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, लेकिन मैं अपने राजनीतिक गुरु, किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी की तरह ईमानदारी से काम करता रहा और वे कभी मेरा विश्वास नहीं डिगा सके। जब मैं राज्यपाल था, तब किसान आंदोलन भी चल रहा था, मैंने बिना किसी राजनीतिक लालच के पद पर रहते हुए किसानों की मांगों को उठाया। फिर महिला पहलवानों के आंदोलन में, जंतर-मंतर से लेकर इंडिया गेट तक हर लड़ाई में मैं उनके साथ खड़ा रहा।” ‘खुद ही टेंडर रद्द किया’
नमस्कार साथियों।
मैं पिछले लगभग एक महीने के करीब से हस्पताल में भर्ती हूं और किड़नी की समस्या से जूझ रहा हूं।
परसों सुबह से मैं ठीक था लेकिन आज फिर से मुझे ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है।
मैं रहूं या ना रहूं इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना…— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) June 7, 2025
पुलवामा का मुद्दा उठाया
सत्यपाल मलिक ने लिखा, “मैंने पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों का मुद्दा उठाया था, जिसकी जांच आज तक इस सरकार ने नहीं की है। सरकार मुझे सीबीआई से डराकर झूठे आरोपपत्र में फंसाने का बहाना ढूंढ रही है। जिस टेंडर में मुझे फंसाना है, वह टेंडर मैंने खुद ही रद्द किया था। मैंने खुद प्रधानमंत्री को बताया था कि इस मामले में भ्रष्टाचार है और उन्हें बताने के बाद मैंने खुद ही टेंडर रद्द किया। मेरे तबादले के बाद यह टेंडर किसी और के हस्ताक्षर से किया गया।” ‘मैं न डरने वाला हूं, न झुकने वाला हूं’
आर्थिक हालात के बारे में बताया
उन्होंने लिखा, “मैं सरकार और सरकारी एजेंसियों से कहना चाहता हूं कि मैं किसान समुदाय से हूं, मैं न डरने वाला हूं, न झुकने वाला हूं। सरकार ने मुझे बदनाम करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। अंत में, मैं सरकार और सरकारी एजेंसियों से अनुरोध करता हूं कि मेरे प्यारे देश के लोगों को सच बताएं कि जांच के दौरान आपने मुझमें क्या पाया? हालांकि, सच यह है कि 50 साल से अधिक के राजनीतिक करियर में बहुत ऊंचे पदों पर देश की सेवा करने का मौका मिलने के बाद भी मैं आज एक कमरे के घर में रह रहा हूं और कर्ज में भी डूबा हुआ हूं। अगर आज मेरे पास पैसे होते तो मैं किसी निजी अस्पताल में इलाज कराता।”
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