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कांगो में तांबे की खदान पर मची अफरा-तफरी, पुल गिरते ही 32 मजदूरों की मौत

02:40 PM Nov 17, 2025 IST | Shivangi Shandilya
कांगो में तांबे की खदान पर मची अफरा तफरी  पुल गिरते ही 32 मजदूरों की मौत
Congo Mine Bridge Collapse
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Congo Mine Bridge Collapse: कांगो के दक्षिण-पूर्वी प्रांत लुअलाबा में शनिवार को एक भीषण खनन हादसा हो गया, जिसमें 32 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। कालांडो क्षेत्र की एक तांबा खदान में तब अफरा-तफरी फैल गई जब अचानक एक संकरा पुल टूट गया और उस पर दौड़ती भीड़ नीचे गिर पड़ी। यह दुर्घटना इस साल कांगो में हुई सबसे बड़ी खदान दुर्घटनाओं में शामिल है।

Mine Bridge Collapse: कैसे हुआ ये हादसा?

Congo Mine Bridge Collapse
Congo Mine Bridge Collapse (credit-sm)

सरकारी आर्टिसनल माइनिंग एजेंसी SAEMAPE के अनुसार, हादसे की शुरुआत तब हुई जब खदान इलाके में अचानक फायरिंग जैसी आवाज सुनाई दी। बताया जा रहा है कि सुरक्षा में तैनात सैनिकों की ओर से गोली चलने की सूचना फैलते ही मजदूर घबराकर तेजी से भागने लगे और सभी एक ही पुल की ओर दौड़ पड़े। भारी भीड़ के दबाव से पुराना पुल टूट गया और देखते ही देखते दर्जनों मजदूर नीचे गिरते चले गए।

Congo Mine Accident: 49 मौतें और 20 से ज्यादा घायल

एजेंसी के मुताबिक, कई मजदूर पुल से गिरकर एक-दूसरे के ऊपर दबते गए, जिससे बड़ी संख्या में मौतें और गंभीर चोटें हुईं। हालांकि शुरुआती अनुमानों में 49 मौतों और 20 से ज्यादा घायलों का दावा किया गया था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर 32 मौतों की पुष्टि की है।

सैन्य भूमिका की जांच की मांग

हादसे से पहले खदान मजदूरों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प की भी जानकारी सामने आई है। इसी को ध्यान में रखते हुए मानवाधिकार संगठन इनीशिएटिव फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ ह्यूमन राइट्स ने इस घटना में सैन्य भूमिका की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि फायरिंग क्यों हुई और क्या इससे उत्पन्न भगदड़ हादसे की वजह बनी।

कांगो में खनन पर निर्भर हैं लाखों लोग

Congo Mine Accident
Congo Mine Accident (credit-sm)

कांगो में आर्टिसनल यानी छोटे स्तर पर होने वाले खनन पर लगभग 15 से 20 लाख लोगों की रोज़ी-रोटी निर्भर करती है। लेकिन सुरक्षा इंतज़ाम बेहद कमजोर होने के कारण यहां दुर्घटनाएं आम हो चुकी हैं। मजदूर अक्सर बिना सुरक्षा उपकरणों के अस्थिर खदानों, टूटे-फूटे पुलों और जोखिमभरी सुरंगों में काम करने को मजबूर हैं। कई बार जमीन धंसने, सुरंग ढहने और पुल टूटने जैसी घटनाएं बड़ी संख्या में जानें लेती हैं।

Congo Mine Bridge Collapse: इससे पहले भी हो चुके हैं बड़े हादसे

कांगो में खनन से जुड़े हादसों का इतिहास लंबा रहा है।

2025: लुअलाबा की एक कोल्टन खदान में छत ढहने से 20 से अधिक लोगों की मौत हुई।

2022: कासाई प्रांत की त्शिकापा डायमंड खदान में सुरंग धंसने से 40 से ज्यादा लोग मारे गए।

2019: लुअलाबा की KOV तांबा-कोबाल्ट खदान में दीवार गिरने से 43 खनिकों की जान गई। इस हादसे ने कॉर्पोरेट और आर्टिसनल खनन के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद को उजागर किया था।

लगातार होते इन हादसों ने एक बार फिर कांगो की खनन सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि खनन क्षेत्रों में सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया गया, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी होती रहेंगी।

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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