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कांग्रेस ने 'असम जोड़ो यात्रा' शुरू की

कांग्रेस ने मंगलवार को अपने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभियान के तहत राज्य के धुबरी जिले से ‘असम जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इस समय देश के दक्षिणी क्षेत्र से गुजर रही है।

02:43 AM Nov 02, 2022 IST | Shera Rajput

कांग्रेस ने मंगलवार को अपने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभियान के तहत राज्य के धुबरी जिले से ‘असम जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इस समय देश के दक्षिणी क्षेत्र से गुजर रही है।

कांग्रेस ने  असम जोड़ो यात्रा  शुरू की
कांग्रेस ने मंगलवार को अपने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभियान के तहत राज्य के धुबरी जिले से ‘असम जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इस समय देश के दक्षिणी क्षेत्र से गुजर रही है।
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कांग्रेस की राज्य इकाई द्वारा शुरू की गई यात्रा अगले 70 दिनों में धुबरी से सादिया तक 834 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
इसकी शुरुआत भारत-बांग्लादेश सीमा के पास धुबरी जिले के गोलकगंज कस्बे से हुई। यात्रा के शुभारंभ पर राज्य के कई शीर्ष कांग्रेस नेता मौजूद थे।
असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा, लोकसभा सांसद प्रद्युत बोरदोलोई और असम में पार्टी प्रभारी जितेंद्र सिंह यात्रा की शुरुआत के लिए गोलकगंज में थे।
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बोरा ने कहा, ‘राज्य में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का जवाब देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने असम जोड़ो यात्रा शुरू की है। यह असम के पश्चिमी हिस्से से शुरू हुआ है और राज्य के पूर्वी हिस्से सादिया तक पहुंचेगी।’
बोरदोलोई ने कहा कि पिछले आठ वर्षो में भाजपा ने भारत को स्पष्ट रूप से दो भागों- हिंदू और मुस्लिम में बांट दिया है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मुख्य फोकस भाजपा के फूट डालो एजेंडे का विरोध करना और देश को बचाना है।’
असम जोड़ो यात्रा शुरू होने से पहले कांग्रेस के नेताओं ने एक मंदिर, सत्र, मस्जिद और गुरुद्वारे में पूजा-अर्चना की। ‘सत्र’ (वैष्णव मठ) अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित है।
धुबरी से शुरू हुई यह यात्रा बोंगाईगांव, बारपेटा, नलबाड़ी, कामरूप, गुवाहाटी, मोरीगांव, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया से होते हुए सादिया में समाप्त होगी।
विशेष रूप से भारत जोड़ो यात्रा के शुभारंभ के ठीक बाद असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी की आलोचना की और उन्हें पाकिस्तान से इस अभियान को शुरू करने की सलाह दी, क्योंकि यह कांग्रेस पार्टी थी जो 1947 में देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार थी।
उस समय कांग्रेस नेताओं ने सरमा पर जमकर निशाना साधा और पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी के जवाब में ‘असम जोड़ो यात्रा’ आयोजित करने की घोषणा की।
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