Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

तमिलनाडु में भाषा विवाद पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

01:09 AM Mar 05, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तमिलनाडु की सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि वह नई शिक्षा नीति 2020 के तहत तीन भाषाओं के फॉर्मूले पर हिंदी भाषा थोप रही है। तमिलनाडु में भाषा विवाद पर भाजपा और कांग्रेस नेता आमने-सामने हो गए हैं। तमिलनाडु में भाषा विवाद को लेकर भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने कहा कि इस देश में संविधान ने 22 भाषाओं को मान्यता दी है। निश्चित रूप हिंदी भाषा देश की भाषा है, एक साथ जोड़ने की भाषा है। इस देश का दुर्भाग्य है कि जितनी भी स्थानीय पार्टियां बनती हैं, वह या तो भाषा के नाम पर बनती हैं या जात-पात के नाम पर। इस देश में जितने मंदिर दक्षिण भारत में हैं, जितने सनातन धर्म के मानने वाले लोग दक्षिण भारत में हैं, मुझे नहीं लगता कि उतने कहीं और होंगे।

तमिलनाडु में भाषा को लेकर टकरार

वहां के मंदिर हजारों वर्षों से विकसित हैं। लेकिन जब राजनीतिक शासन करने की बात आई तो वहां के लोगों ने कहीं धर्म के नाम पर, कहीं जाति के नाम पर सनातन धर्म के लोगों को आपस में लड़वाया। भाषा के नाम पर लड़वाया। हमारे देश के जो जवान हैं, वह हर प्रांत से आते हैं और हर भाषा को बोलने वाले लोग आते हैं, फिर भी एक साथ काम करते हैं। तमिलनाडु में भाषा विवाद पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि भाजपा कुछ भी कर सकती है। वे हिंदी थोप सकते हैं, धर्म थोप सकते हैं। भाषा की लड़ाई पहले भी होती रही है। उन्होंने कहा कि पहले यह तय किया गया था कि 3 भाषा का फॉर्मूला रहेगा। अंग्रेजी, मातृ भाषा और हिंदी।

भाजपा पर भाषा थोपने का आरोप

जिस तरह से भाजपा भाषा को थोपकर जनाधार खड़ा करना चाहती है, वह ठीक नहीं है, आप उन पर ह‍िंदी नहीं थोप सकते हैं। बता दें कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने 3 मार्च को कहा था कि केंद्र सरकार स्कूली छात्रों के लिए धन मुहैया कराने के लिए त्रिभाषा नीति लागू कर रही है, लेकिन तमिलनाडु ने अपनी सफलता के लिए दो-भाषा नीति को अपनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु ने अपनी मातृभाषा तमिल के साथ-साथ अंग्रेजी को सीखकर प्रगति की है, हिंदी की बजाय अंग्रेजी को अपना कर राज्य ने दुनिया से संवाद स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने हिंदी को थोपे जाने के खिलाफ आवाज उठाई है और अब उत्तरी राज्यों से भी इसे समर्थन मिल रहा है।

Advertisement
Advertisement
Next Article