कांग्रेस ने 19 जुलाई को बुलाई विपक्षी दलों की रणनीतिक बैठक, मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी
नई दिल्ली: संसद के आगामी मानसून सत्र से पहले विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने के लिए अपनी रणनीति अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। इस क्रम में कांग्रेस ने 19 जुलाई को INDIA गठबंधन की एक अहम बैठक बुलाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने इस बैठक में अधिकतम विपक्षी दलों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संपर्क शुरू कर दिया है।
कांग्रेस का उद्देश्य इस बैठक के माध्यम से विपक्षी एकता का प्रदर्शन करना और संसद में साझा रणनीति बनाकर सरकार को प्रभावी तरीके से घेरना है। यदि किसी पार्टी के शीर्ष नेता बैठक में शामिल नहीं हो पाते हैं तो उनके संसदीय दल के नेता हिस्सा लेंगे ताकि संसद में विपक्ष की आवाज एकजुट रहे।
पार्टी ने प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर भी सहमति बना ली है, जिनमें हाल ही में पहलगाम में हुई घटनाएं, ऑपरेशन सिंदूर और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पीएम मोदी के खिलाफ कथित दावे शामिल हैं। विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगने का संकल्प ले चुका है। साथ ही कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसी मुद्दे को थोपना नहीं चाहती और सहयोगी दलों के सुझावों को शामिल करने के लिए तैयार है। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बढ़ी दूरियों के कारण AAP इस बैठक से अलग रह सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद दोनों पार्टियों के बीच नजदीकियां कम होने के कारण कांग्रेस ने AAP को बैठक में आमंत्रित नहीं किया है, जबकि AAP भी कांग्रेस की अगुवाई वाली बैठक में शामिल होने से कतरा रहा है।
इस बैठक में विपक्ष की रणनीति संसद में सरकार को जवाबदेह बनाना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाना होगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी विपक्ष की एकजुटता का संदेश देगी। 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में विपक्ष की यह साझा रणनीति सरकार को मुद्दों पर घेरने में सहायक साबित होगी। इस सत्र में बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण सहित अन्य संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है।