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कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए मुस्लिम बहनों के साथ किया अन्याय : अमित शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में तीन तलाक का जिक्र किया।

07:01 AM Dec 17, 2024 IST | Rahul Kumar Rawat

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में तीन तलाक का जिक्र किया।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में तीन तलाक का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति करके मुस्लिम बहनों के साथ कई सालों तक अन्याय करने का काम किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हम ट्रिपल तलाक को खत्म करने के लिए कानून लेकर आए। हालांकि, वे कहते हैं कि हमने वोटबैंक के लिए ऐसा किया। ट्रिपल तलाक को खत्म किया जाना चाहिए और शाहबानो को मुआवजा दिया जाना चाहिए। दोनों फैसले सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग समय पर दिए थे। हमने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अन्याय नहीं किया, बल्कि, यह कांग्रेस पार्टी थी, जिसने कई वर्षों तक ऐसा किया। ट्रिपल तलाक को खत्म करके, हमने उनके अधिकारों को बहाल किया।

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संविधान को लेकर शाह ने कही यह बात

उन्होंने आगे कहा, आरिफ मोहम्मद खान ने खुद कहा था कि शाहबानो को मुआवजा देना चाहिए, लेकिन वह मंत्री और सांसद थे। इतना ही नहीं, फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलते थे। मगर, उनका मंत्री पद तो गया, साथ ही सांसदी भी चली गई। अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया। समय के साथ देश भी बदलना चाहिए, समय के साथ कानून भी बदलने चाहिए और समय के साथ समाज भी बदलना चाहिए। परिवर्तन इस जीवन का मंत्र है, सत्य है। इसको हमारे संविधान सभा ने स्वीकार किया था। इसलिए, आर्टिकल-368 में संविधान संशोधन के लिए प्रोविजन किया गया था।

संविधान विश्वास है, संविधान श्रद्धा है- शाह

उन्होंने आगे कहा, अभी कुछ राजनेता आए हैं और 54 साल की आयु में अपने आप को युवा कहते हैं और घूमते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे। मैं उनको कहना चाहता हूं कि संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल-368 के अंदर संविधान में ही है। उन्होंने कहा कि अभी हाल में हुए चुनाव में हमने अजीबो-गरीब नजारा देखा। इतने साल चुनाव हुए, लेकिन मैंने आजतक किसी को आम सभाओं में संविधान को लहराते नहीं देखा। संविधान को लहराकर और झूठ बोलकर कुत्सित प्रयास कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने किया। संविधान लहराने और बहकाने का मुद्दा नहीं है, संविधान विश्वास है, संविधान श्रद्धा है।

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