महाराष्ट्र में कांग्रेस को लगने वाला है झटका! संजय राउत के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. महाविकास अघाड़ी (MVA) और इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद कांग्रेस को अब नगर निकाय चुनाव में अकेले उतरने की तैयारी करनी पड़ सकती है. इसके पीछे की वजह हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच बढीं नजदीकियां हैं. इस संबंध में 10 जुलाई को शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों की मांग है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ मिलकर चुनाव लड़ें. उन्होंने साफ किया कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था और महाविकास अघाड़ी विधानसभा चुनाव के लिए, लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव के लिए इन गठबंधनों की जरूरत नहीं है. राउत ने कहा, 'लोग चाहते हैं कि महाराष्ट्र के विकास और मराठी मानुष के सम्मान के लिए दोनों ठाकरे एक हो जाएं और साथ मिलकर चुनाव लड़ें.'
कांग्रेस ने क्या कहा?
संजय राउत के इस बयान पर कांग्रेस ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि वह संजय राउत की बातों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते. उन्होंने यह जरूर दोहराया कि स्थानीय निकाय चुनाव में निर्णय स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय लेकर ही लिया जाता है. एक दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने भी कहा था कि अगर कांग्रेस महाराष्ट्र और मुंबई में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी.
उद्धव और राज ठाकरे एक मंच पर
5 जुलाई को एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 20 साल बाद एक ही मंच पर नजर आए. इस मौके पर हिंदी भाषा के मुद्दे पर चर्चा हुई. इसी कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि आने वाले चुनाव में वे और राज ठाकरे साथ मिलकर लड़ सकते हैं.
इस मंच पर शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं, लेकिन कांग्रेस ने दूरी बनाए रखी. कांग्रेस पहले से ही राज ठाकरे की आक्रामक राजनीति के खिलाफ रही है. यही कारण है कि अब यह संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस नगर निकाय चुनावों में अकेले उतरने का रास्ता चुन सकती है.