'वकील ने बिना सहमति के कही बात...', Rahul Gandhi की 'जान को खतरा' वाले दावे पर कांग्रेस की सफाई
कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने पुणे की एक अदालत में कहा कि उन्हें विनायक दामोदर सावरकर और नाथूराम गोडसे की विचारधारा से जुड़े लोगों से खतरे की आशंका है। हालांकि, इस बयान को लेकर कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि यह आवेदन राहुल गांधी की अनुमति के बिना उनके वकील ने दायर किया था।
पुणे की अदालत में Rahul Gandhi के वकील ने एक आवेदन दायर किया था, जिसमें दावा किया गया कि राहुल गांधी की सुरक्षा को खतरा है। इसमें महात्मा गांधी की हत्या और सावरकर से जुड़ी विचारधारा का उल्लेख करते हुए कहा गया कि इतिहास को खुद को दोहराने नहीं देना चाहिए। इसके साथ ही कुछ भाजपा नेताओं द्वारा धमकी मिलने की बात भी कही गई थी।
Rahul Gandhi ने जताई आपत्ति
राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने खुद स्वीकार किया कि उन्होंने यह आवेदन बिना राहुल गांधी की सहमति के दाखिल किया था। वकील ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राहुल गांधी को आवेदन की सामग्री से असहमति है और अब वह इसे अदालत में औपचारिक रूप से वापस लेंगे।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि राहुल गांधी के वकील गुरुवार को अदालत में यह बयान वापस लेंगे। खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी को बिना पूर्व जानकारी के अदालत में उनकी सुरक्षा को लेकर बात रखे जाने पर गंभीर आपत्ति है।
किस मामले में है सुनवाई?
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने मानहानि के आरोप में दर्ज कराया है। यह मामला राहुल गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वी.डी. सावरकर के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर है। अभी यह मामला प्रारंभिक स्तर पर है और सुनवाई शुरू होनी बाकी है।
आवेदन में क्या था उल्लेख?
दायर आवेदन में कहा गया था कि Rahul Gandhi विपक्ष के नेता हैं और उन्होंने हाल में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा संसद में "वोट चोर सरकार" जैसे नारे लगाए और प्रधानमंत्री के साथ तीखी बहस भी हुई। इसमें यह भी कहा गया कि सावरकर की विचारधारा से जुड़े कुछ लोग राहुल गांधी के खिलाफ दुर्भावना रख सकते हैं।
सावरकर के पोते की प्रतिक्रिया
सत्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के आवेदन को “तुच्छ” बताया और कहा कि इसका मुकदमे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह याचिका केवल मुकदमे में देरी के लिए दायर की गई है।
विवाद की जड़ क्या है?
Rahul Gandhi ने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण के दौरान कहा था कि सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और इससे उन्हें खुशी हुई। सत्यकी सावरकर का कहना है कि सावरकर ने ऐसा कुछ नहीं लिखा और राहुल गांधी का दावा पूरी तरह गलत है।
Bombay High Court ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा कबूतरों को दाना डालने पर लगाए गए प्रतिबंध को जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीएमसी को बिना उचित प्रक्रिया के इस तरह के फैसलों में बदलाव करने की इजाजत नहीं है। कोर्ट ने बीएमसी को फटकार भी लगाई और कहा कि किसी एक व्यक्ति की मांग पर नियमों में ढील देना ठीक नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Bombay High Court ने इस बात पर जोर दिया कि कबूतरों को दाना डालना केवल एक धार्मिक या भावनात्मक मामला नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा है। कबूतरों की बीट से हवा में हानिकारक तत्व फैल सकते हैं, जिससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं। High Court ने कहा कि जब पहले स्वास्थ्य कारणों से दाना डालने पर रोक लगाई गई थी, तो अब उसे हटाने का कोई उचित कारण नहीं है।
खास समिति करेगी जांच
BMC के वकील रामचंद्र आप्टे ने High Court को जानकारी दी कि एक विशेष समिति बनाई गई है जो इस मामले में विस्तृत जांच करेगी। यह समिति यह देखेगी कि कबूतरों को दाना डालने से लोगों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही कोर्ट अंतिम फैसला लेगा।