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किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री के ‘‘मौन’’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘मौन’’ पर कांग्रेस ने रविवार को सवाल उठाया और पूछा कि उन्होंने 33 प्रदर्शनकारियों की मौत होने पर अब तक शोक प्रकट क्यों नहीं किया।

11:25 PM Dec 20, 2020 IST | Shera Rajput

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘मौन’’ पर कांग्रेस ने रविवार को सवाल उठाया और पूछा कि उन्होंने 33 प्रदर्शनकारियों की मौत होने पर अब तक शोक प्रकट क्यों नहीं किया।

किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री के ‘‘मौन’’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘मौन’’ पर कांग्रेस ने रविवार को सवाल उठाया और पूछा कि उन्होंने 33 प्रदर्शनकारियों की मौत होने पर अब तक शोक प्रकट क्यों नहीं किया। 
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को नमन करते हुए कहा कि किसानों का संघर्ष और बलिदान अवश्य रंग लाएगा। 
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘किसानों का संघर्ष और बलिदान अवश्य रंग लाएगा! किसान भाइयों-बहनों को नमन और श्रद्धांजलि। ’’ 
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने संवाददाताओं से कहा कि आंदोलन के दौरान 33 किसानों ने अपनी जान गंवा दी और आंदोलनरत किसान संगठनों के अलावा कांग्रेस भी रविवार को श्रद्धांजलि दिवस मना रही है। 
उन्होंने सवाल किया, ‘‘(लेकिन) हमारे प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? श्री अमित शाहजी चुप क्यों हैं और योगी आदित्यनाथ चुप क्यों हैं? प्रधानमंत्री मोदी ने एक शब्द भी क्यों नहीं बोला? हमारे प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं? हमारे अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कड़ाके की ठंड में बैठे हुए हैं, लेकिन हमारे गृह मंत्री अमित शाह के पास उनसे मिलने का वक्त नहीं है, पर (पश्चिम) बंगाल जाने के लिए वक्त है। ’’ 
उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी ‘‘निष्ठुरता’’ प्रदर्शित हो रही है क्योंकि लाखों की संख्या में किसान न्याय का इंतजार कर रहे हैं। 
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के पास धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए वक्त है लेकिन किसानों की मौत पर शोक प्रकट करने के लिए वक्त नहीं है। 
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की सहानुभूति कहां है? मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करती हूं कि वह वहां जाएं और उनसे मिलें…उन्हें इन किसानों को न्याय देना चाहिए तथा इन काले कानूनों को वापस लेना चाहिए और किसानों, विपक्षी दलों तथा अन्य हितधारकों के साथ परामर्श कर नए रूप में कानून लाना चाहिए। ’’ 
उल्लेखनीय है कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली से लगी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर करीब चार हफ्ते से डेरा डाले हुए हैं। इनमें से ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं। आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 
कांग्रेस प्रवक्ता ने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 वर्षीय एक युवती से कथित सामूहिक बलात्कार व उसकी मौत के मामले में राज्य की योगी आदित्यनाथ नीत भाजपा सरकार पर सांठगांठ करने तथा मामले को दबाने का भी आरोप लगाया। 
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि युवती से सामूहिक बलात्कार हुआ था और उसकी हत्या की गई थी। 
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी, शाह और आदित्यनाथ इस विषय पर खामोश हैं। 
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Shera Rajput

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